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मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भारी गड़बड़ी! समय, धन और संसाधनों की हो रही बर्बादी

मुजफ्फरपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भारी गड़बड़ी की जा रही है। इससे समय, धन और संसाधनों की बर्बादी हो रही है। जो काम पहले कर लेना चाहिए था उसे बाद में किया जाता है। इससे स्मार्ट सीटी प्रोजेक्ट के समय पर पूरा होने में संशय पैदा हो रहा है। मुजफ्फरपुर के सिकंदपुर इलाके में पहले कंक्रीट की ढलाई, फिर महंगे टाइल्स लगाए गए। अब टाइल्स और ढलाई को काटकर नाला बनाया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के सिकंदरपुर लेक फ्रंट सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट में निर्माण एजेंसी द्वारा किए जा रहे बेतरतीब काम का यह ताजा नमूना है।लेक दो एरिया में रामेश्वर सिंह कॉलेज से लेकर रिमांड होम के थोड़ा पहले तक नाला बनाने के लिए अब तक आधा दर्जन जगहों पर टाइल्स व कंक्रीट को काटकर गड्ढ़ा किया गया है। इस कारण प्रोजेक्ट में अधिक समय लगने के साथ ही पैसे की भी बर्बादी हो रही है। दरअसल, कुछ समय पहले ही लेक के किनारे वाले भाग में रेलिंग लगाने के बाद टाइल्स का काम पूरा हुआ था। हालांकि, पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया गया। स्थानीय निवासी पार्षद प्रतिनिधि संजीत सहनी के मुताबिक जल्दबाजी में जैसे-तैसे काम पूरा करने से यह स्थिति है। एजेंसी को ढलाई से पहले नाला बनाना चाहिए था। हालांकि, इस सामान्य तकनीकी पहलू को नजरअंदाज कर काम पूरा किया जा रहा था। जानकारों के मुताबिक सुपरविजन के नाम पर हो रही खानापूरी से निर्माण के स्तर पर ऐसी गड़बड़ी हो रही है।IMG-20241030-WA0000-1024x682-2-1.jpg (1024×682)इससे पहले लेक एक एरिया में भी ऐसी गलती हो चुकी है। लेक एक में कर्बला से स्टेडियम के बीच मेन रोड के दोनों तरफ लगाए गए टाइल्स तीन महीने में तीन बार उखाड़े गए थे। पहली बार उखाड़ने पर नाला बना। फिर जलजमाव की समस्या के समाधान को लेकर पेवर ब्लॉक उखाड़े गए। बाद में जांच में पता चला कि बिना कंपैक्शन के ही पेवर ब्लॉक लगाए गए थे। इसके चलते धंसान के साथ सतह उबड़-खाबड़ हो गई। तब नगर आयुक्त विक्रम विरकर के निर्देश पर कंपैक्शन के बाद पेवर ब्लॉक लगाए गए।लेक दो एरिया में मन के 60 प्रतिशत से अधिक हिस्से को साफ किया गया है। जलकुंभी के साथ ही पानी के ऊपर की गंदगी हटा दी गई है। स्मार्ट सिटी के स्तर पर ठंड के बाद लेक दो एरिया में बोटिंग की तैयारी है। इसको लेकर नगर आयुक्त सह एमडी (एमएससीएल) के दिशा-निर्देश पर पानी की सफाई के साथ ही सौंदर्यीकरण से जुड़े अन्य काम तेज किए गए हैं।

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