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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बना पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

बिहार का कश्मीर पर्यटकों से गुलजार है. इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में देश विदेश से भारी संख्या में सैलानियों का जत्था पहुंच रहा है. लिहाजा जंगल सफारी और VTR भ्रमण करने देश विदेश से पहुंचे सैलानियों के लिए खास व्यवस्था की गयी है. प्रकृति के बीच स्वच्छनंद हवाओं में पर्यटक जंगल, नदी और पहाड़ के साथ रमणिक नजारों का दीदार कर आहलादित हों रहें हैं. सस्ते दरों औऱ कम खर्च में वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व एडवेंचर का बेहतर डेस्टिनेशन बन गया है तभी तो पर्यटक यहां आकर मुस्कुरा रहें हैं।

दरअसल, वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष में पर्यटन सत्र -2024-25 का संचालन के साथ ही VTR के वाल्मीकि नगर, मंगुराहा और गोवर्धन में जंगल सफारी का भव्य शुभारंभ किया गया है. जहां देश में आज कई बड़े शहरों की हवाएं प्रदूषित हों रहीं हैं वहीं वाल्मीकिनगर शुद्ध वातावरण की आबोहवा में पर्यटक अपने भ्रमण का लुत्फ़ उठानें के लिए पहुंच रहें हैं. केन्या, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों के दर्जनों पर्यटक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जल जंगल और पहाड़ के खूबसूरत वादियों की तारीफ करते नहीं थक रहें हैं. कई विदेशी पर्यटक अपने दोस्तों और परिवार के साथ दोबारा यहां आने की मंशा पाले लौट रहे हैं।

आलम यह है कि पर्यटकों के साथ साथ बिहार समेत दूसरे राज्यों के स्कूली छात्रों को भी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व खूब भा रहा है. हर रोज सैकड़ों की संख्या में स्कूली बच्चे जंगल कैंप, कैनोपीज झूला, वाटर बोटिंग औऱ जंगल सफारी समेत इको पार्क में मौज मस्ती करते दिख रहें हैं. यहीं वजह है कि वन विभाग प्रशासन ने पर्यटकों के लिए लोकल और स्टेट लेवल पर एक दिवसीय और दो- तीन दिवसीय टूर पैकेज चला रहा है.  जिसके तहत पर्यटकों को रहने घूमने और खाने पीने की कम दरों पर व्यवस्था किया है.

इसके अलावा नए साल के आगमन पूर्व VTR की खूबसूरती में चार चाँद लगाने की कोशिशें जारी है. जिसके तहत कई सेल्फी पॉइंट्स टाइगर समेत मोर की प्रतिमा बनाये गए है. साथ हीं पुरे इलाके कों वाइ फाई जोन से जोड़ने की क्वायद तेज है. खास बात यह है कि जबसे बिहार में नीतीश कुमार की सरकार आई है तबसे यहां इको टूरिज्म कों बढ़ावा मिला हीं है साथ हीं पर्यटन कों पँख लगा है. जिस कारण स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया हुआ है. वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के पर्यटन केंद्र वाल्मीकिनगर में अभय चरण नें प्रबंधन का जिम्मा संभाल रखा है तो वहीं मंगुराहां पर्यटन केंद्र में वन क्षेत्र अधिकारी सुजित कुमार और गोबर्धना में रेंजर जबकि पर्यटन केंद्र मंगुराहां के वनपाल, वनरक्षी, टूरिज्म प्रबंधक औऱ जंगल सफारी वाहन चालक, नेचर गाईड व सभी कर्मी 24 घंटे अलग अलग जगहों पर मौजूद हैं .

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