पटना : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के मु्द्दे पर एक बार फिर नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में अफसरशाही और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सूबे में अपरा’ध का ग्राफ बढ़ा है। आज थाना हो अथवा कोई भी सरकारी कार्यालय हर जगह घूस की छूट है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सरकार अफसरशाही पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रही है।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गुरुवार को खगड़िया स्थित सर्किट हाउस में आरजेडी के संवाद कार्यक्रम से उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ढाई सौ करोड़ रुपये खर्चकर करके अलग-अलग जगहों का दौरा करेंगे। इस दौरान वे आसपास के तीन जिलों के चुनिंदा कार्यकर्ताओं से ही मिलेंगे। ऐसे में वे बिहार की क्या समस्या जान पाएंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश के कार्यक्रम के बहाने अफसरों को लूट की छूट दे दी गई है।
तेजस्वी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आरक्षण विरोधी करार देते हुए कहा कि महागठबंधन की 17 माह की सरकार ने रिजर्वेशन बढ़ाकर 65 प्रतिशत तक किया था। उसे एनडीए की राज्य सरकार ने बीजेपी के इशारे पर लागू नहीं होने दिया। इससे पिछड़ा, अति पिछड़ा, एससी, एसटी, आदिवासी आदि लोगों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। वे आरक्षण को 65 प्रतिशत तक कराने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी वे लोग अपील कर चुके हैं। अगर आरक्षण की यह नीति लागू नहीं होती है तो आने वाले दिनों में लाखों दलित, आदिवासी आदि नौकरी से वंचित हो जाएंगे।
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