पटना : केके पाठक के एसीएस रहते छुट्टी के लिए तरसने वाले बिहार के शिक्षकों की बल्ले-बल्ले हो गई है। शिक्षा विभाग ने एक साल के लिए छुट्टी का कैलेंडर जारी कर दिया है। अब बिहार के शिक्षकों को एक साल के भीतर 72 दिनों की छुट्टी मिलेगी। तीज और जीवतिया से लेकर छठ तक में छुट्टियों की बरसात शिक्षा विभाग ने कर दी है।
दरअसल, बिहार में शिक्षकों की छुट्टी को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा था। केके पाठक के सिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनने के बाद बिहार के शिक्षकों के बीच त्राहिमाम की स्थिति हो गई थी। केके पाठक के फैसलों के कारण सरकार को भी भारी फजीहत झेलना पड़ा था। बाद में नीतीश सरकार ने केके पाठक की जगह एस सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग का एसीएस बनाया। शिक्षा विभाग का एसीएस बनने के बाद से ही एस सिद्धार्थ लगातार केके पाठक के फैसले को पलटते जा रहे हैं।
एसीएस द्वारा शिक्षा और शिक्षकों के हित में लिए जा रहे फैसलों से बिहार के शिक्षकों ने राहत महसूस कर रहे हैं। पिछले दिनों दशहरा और छठ की छुट्टी को लेकर भी विवाद हुआ था। इसको लेकर खूब सियासत भी हुई थी। विपक्षी दल के नेता खुद को शिक्षकों का सबसे बड़ा हिमायती बता रहे थे। शिक्षक संघों द्वारा नाराजगी जताने के बाद खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद पहल की थी। मुख्यमंत्री की पहल पर शिक्षकों की मांग मानी गई और उनकी छुट्टी को बढ़ाया गया था।
अब जब बिहार विधानसभा का चुनाव सिर पर है तो राज्य की डबल इंजन सरकार किसी भी हाल में शिक्षकों को नाराज नहीं करना चाहती है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के करीब 6 लाख से अधिक शिक्षकों के सभी गिले सिकवे दूर कर देना चाहती है ताकि विधानसभा चुनाव में पार्टी और गठबंधन को इसका खामियाजा न उठाना पड़े। यही वजह है कि सरकार ने अगले एक साथ तक शिक्षकों के लिए छुट्टियों की बरसात कर दी है।
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