बिहार में कोहरे से नेशनल हाइवे पर सड़क हा’दसे कम करने के लिए सरकार ने शुरुआती दौर में ही कमर कस ली है। पथ निर्माण विभाग ने सभी एनएच सड़क किनारे लेन मार्किंग लगाने का निर्देश दिया है। विभाग ने इसको लेकर एनएचएआई, एनएच, पुल विकास निगम, पुल निर्माण निगम आदि के अभियंताओं को गाइडलाइन भेजी है। गाइडलाइन में भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) 35 के मानकों को अपनाने की सलाह दी गई है। कोहरा रोकने के लिए सड़क से सटे घर व पेड़ों के निकट ऑब्जेक्ट हजार्ड मार्कर और रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाएंगे। एनएच किनारे क्रेश बैरियर और कॉशन बोर्ड भी लगाने की सलाह दी गई है।
विभाग ने कहा कि सड़क सुरक्षा पर गठित सर्वोच्च न्यायालय की समिति ने राज्य में हो रही सड़क दुर्घ’टनाएं एवं होने वाली मौ’त को काफी गंभी’रता से लिया है। ठंड के मौसम में पड़ने वाले कोहरे-धुंध के कारण पथों में विजिविलिटी कम हो जाती है। जिसके कारण पथों में प्राय: दुर्घट’ना की संभावना बनी रहती है। पूर्व में भी ठंड के महीनों एवं धुंध से हो रही दुर्घट’नाओं की संख्या राज्य में घटित हो रही दुर्घट’नाओं का एक महत्वपूर्ण अंश रहा है। कार्यपालक अभियंता ब्रजनंदन कुमार ने कहा कि विभाग का निर्देश आया है। गाइडलाइन के मुताबिक एनएच किनारे काम कराकर विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
आईआरसी 35 सड़क मार्गों पर मानकीकृत और प्रभावी यातायात प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार के सड़क चिह्नों की रूपरेखा तैयार करता है। आईआरसी मानकों के अनुसार डिजायन किए गए ये चिह्न सड़क पर लेन अनुशासन, संकेत और मार्गदर्शन के लिए दृश्य संकेतों के रूप में काम करते हैं।
ये हैं सात महत्वपूर्ण बिंदु
- आईआरसी-35 मानकों के अनुरूप सड़क पर लेन मार्किंग करवाना।
- पथों के मिडियन पर रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगाना।
- सड़क से सटे घर व पेड़ों के निकट ऑब्जेक्ट हजार्ड मार्कर और रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगाना।
- सूचनात्मक तथा चेतावनी संबंधित सड़क सुरक्षा चिह्नों की मरम्मत और नये लगाना।
- पुल-पुलियों के समीप क्रैश बैरियर का निर्माण-मरम्मत और ऑब्जेक्ट हजार्ड मार्कर लगाना।
- निर्माणाधीन पथों में वर्क जोन सेफ्टी बोर्ड लगाना और यातायात प्रबंधन तय करना।
- मिडियन मार्कर्स, डेलिनेटर्स, ब्लींकर्स, कैटस-आई आदि लगाना और पूर्व में लगे की मरम्मत।
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