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बिहार में संगठनात्मक चुनाव को लेकर हुई बैठक, मकर संक्रांति के बाद मिल सकता है नया अध्यक्ष

पटना : बीजेपी में संगठन चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसको लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यों में अध्यक्ष और अन्य पदों के चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। पार्टी ने जिन नेताओं को संगठन चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी हैं, उनमें विनोद तावड़े, राधा मोहन दास, सुनील बंसल, तरुण चुग और अरुण सिंह का नाम प्रमुख हैं। इसी बीच बिहार में आज संगठनात्मक चुनाव को लेकर बैठक की गई।

दरअसल, बिहार बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सक्रिय सदस्यता एवं संगठनात्मक चुनाव को लेकर बैठक की गई। इस बैठक कि शुरुआत पार्टी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने किया। इस बैठक में बिहार प्रभारी विनोद तावडे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, संगठन महामंत्री भिखू भाई दलसानिया के अलावा भाजपा के कई बड़े नेता और संगठन के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।

वहीं, इस बैठक को लेकर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि बूथ कमेटी का गठन और मंडल का गठन किया गया इसके साथ ही साथ जिला के गठन को लेकर चर्चा की गई। इसी को लेकर यह कार्यशाला तैयार की गई है और इसमें सभी बातों की जानकारी दी गई। मालूम हो कि, इससे पहले जेपी नड्डा ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को संगठनात्मक चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार का पर्यवेक्षक बनाया है। तावड़े दोनों राज्यों में संगठन चुनाव की देखरेख करेंगे। इसी तरह सुनील बंसल को पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड और हरियाणा का जिम्मा मिला है।

इसके अलावा तरुण चुग के जिम्मे केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक और लक्षद्वीप है। शिवप्रकाश को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का ऑब्जर्वर बनाया गया है। जबकि अरुण सिंह महाराष्ट्र, गोवा, दमन द्वीप और दादर नागर हवेली के पर्यवेक्षक होंगे। इसके साथ ही राधा मोहन दास को राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और गुजरात का पर्यवेक्षक बनाया गया है। गौरतलब हो कि, बीजेपी को मकर संक्रांति के बाद नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। पार्टी हाई लेवल पर इसकी कवायद कर रही है। नए अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले पार्टी के भीतर राज्यवार सक्रिय सदस्यता का आकलन किया जा रहा है। पिछले हफ्ते इसको लेकर नई दिल्ली में करीब 6 घंटे की बैठक हुई थी। जेपी नड्डा का कार्यकाल लोकसभा चुनाव के बाद ही खत्म हो गया था, लेकिन संगठन चुनाव की वजह से अध्यक्ष पद पर फाइनल फैसला नहीं हो पाया है।

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