भागलपुर : बिहार के पड़ोसी राज्यों में हुई भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी कई जिलों में लाल निशान के ऊपर बह रही है। भागलपुर में बाढ़ का पानी शहर में घुस आया है। जिसके चलते स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी से लेकर हाइवे तक जलमग्न है। भागलपुर में गंगा के जलस्तर में शनिवार सुबह भी बढ़ोतरी जारी रही। 12 घंटे के अंदर सुबह 6 बजे तक 10 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने अगले 24 घंटे में करीब आधा मीटर तक जलस्तर बढ़ाने का अनुमान लगाया है। बाढ़ का पानी सुल्तानगंज, अकबरनगर, नाथनगर, यूनिवर्सिटी कैंपस, आदमपुर मोहल्ला, मायागंज, पुल घाट, सीढ़ी घाट, गयासुद्दीन चौकाघाट, सबौर, घोघा, कहलगांव, पीरपैंती आदि में बाढ़ का पानी तेजी से नए हिस्से में फैल रहा है।
नदी से सटे मैदानी भाग जलमग्न है। सबौर में एनएच 80 सड़क पर घोषपुर के समीप शनिवार को गंगा का पानी एक फीट से अधिक बहने लगा। अब कहलगांव भागलपुर का संपर्क खत्म के कगार पर है। हालांकि स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पर आवागमन करने को मजबूर हैं। लोग आवश्यक कार्य के लिए प्रखंड कार्यालय भी पहुंच रहे हैं। इधर डायवर्सन की स्थिति लोग अच्छी बता रहे हैं। लेकिन घोषपुर इंग्लिश फरक के समीप एक फीट से अधिक पानी सड़क पर बह रहा है। इसके अलावा मसाढु एनएच 80 सड़क पर भी पानी बह रहा है।
भागलपुर के इंजीनियर कॉलेज में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। जिसके चलते हॉस्टल से छात्राओं को बाहर आना पड़ा। पूरा कैंपस जलमग्न हो गया है। बाढ़ का पानी टीएमबीयू परिसर और कई रिहायशी कॉलोनी में घुस गया। विश्वविद्यालय कैंपस में नाव चलने लगी है। आदमपुर बैंक कॉलोनी की गलियों में पानी आ गया है। भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सीएमएस स्कूल परिसर में भी पानी बढ़ गया है। बिहपुर में नरकटिया-नन्हकार जमींदारी तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया है।
दिलदारपुर गांव के बाढ़ पीड़ित दोबारा टीएनबी कॉलेजिएट कैंपस में टेंट-खूंटा गाड़कर रहने लगे हैं, जबकि शंकरपुर बिंदटोली के बाढ़ प्रभावितों ने गोलाघाट दुधिया मंदिर परिसर में पनाह ली है। इधर, मुंगेर और लखीसराय के नए इलाकों में शुक्रवार को पानी फैल गया है। लखीसराय में 104 विद्यालयों को शुक्रवार से बंद कर दिया गया है। यहां पिपरिया पंचायत में गर्भवती नीतू देवी की इलाज की सुविधा नहीं मिलने से मौत हो गई। खगड़िया में गंगा व गंडक तो कटिहार में गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही।
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