पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव समय पर हुए तो अगले 13-14 महीने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बीच 17 महीने चली महागठबंधन सरकार के काम का श्रेय लेने की सीधी लड़ाई दिखेगी। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने दूसरी बार बनी महागठबंधन सरकार के 9 काम गिनाकर इसे तेजस्वी यादव का समर्पण बताया है और यह भी कहा है कि ये काम किसने किया, ये बिहार जानता है। इस साल जनवरी में जब नीतीश कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट के महागठबंधन को छोड़कर वापस बीजेपी और एनडीए के पास लौट गए तो श्रेय की लड़ाई छिड़ गई। नीतीश लगातार कहते रहे हैं कि सारा काम उन्होंने किया है, राजद वाले तो गड़बड़ कर रहे थे।
राष्ट्रीय जनता दल ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर 17 महीने का तेजस्वी समर्पण नाम से एक पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर के जरिए राजद ने 9 काम गिनाकर दावा किया है कि बिहार जानता है और बिहार मानता है कि ये सब तेजस्वी के कारण संभव हुआ है। तेजस्वी की पार्टी ने 9 काम में लाखों बहाली और नियुक्तियां, शिक्षा व्यवस्था में अप्रत्याशित सुधार, जाति आधारित सर्वे, 75% आरक्षण सीमा, स्वास्थ्य व्यवस्था का कायाकल्प, पर्यटन क्षेत्र में अभूतपूर्व काम, करोड़ों के निवेश समझौता, आईटी और स्पोर्ट्स पॉलिसी के साथ ही लाखों नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने को शामिल किया है।
लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव की पार्टी मात्र 4 सीट ही जीत पाई। महागठबंधन भी 9 सीट पर सिमट गई। कुशवाहा वोटों की नाराजगी ना होती तो कांग्रेस, माले और राजद की सीटें कुछ और कम हो सकती थीं। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी पार्टी संगठन में नई ऊर्जा भरने के मकसद से कार्यकर्ता आभार यात्रा कर रहे हैं। पहले चरण की यात्रा मंगलवार को मुजफ्फरपुर में खत्म हुई है। आठ दिन के पहले चरण में तेजस्वी ने समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में दो-दो दिन रहकर हर विधानसभा सीट के पंचायत स्तर तक के नेता-कार्यकर्ता से बातचीत की।
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