पटना : अब आपको घर के बुजुर्गों की तबियत खराब होने या गंभीर बीमारी होने पर चिंता करने की जरूरत नहीं है. मोदी सरकार ने बुधवार को देश भर के 70 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ इंश्योरेंस को मंजूरी दे दी. बस आपको घर के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान भारत कार्ड बनवाना होगा. खास बात यह है कि अगर किसी व्यक्ति ने प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंश योजना ले रखी है, उसे भी इस योजना का लाभ मिल सकता है. बिहार की बात करें तो आयुष्मान भारत स्कीम के तहत राज्य के 38 लाख बुजुर्गों को इसका लाभ मिल सकता है।
निम्न आय वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग की सबसे बड़ी चिंता और परेशानी का कारण बुजुर्गों के स्वास्थ्य को लेकर होती है. लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने अपनी सभी रैलियों में इस बात को इंगित किया था और उनकी चिंता को दूर करने का भरोसा दिया था. सरकार बनने के चौथे महीने में ही मोदी सरकार ने अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना का आकार और बढ़ा दिया है. पहले इस योजना में बुजुर्गों को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन अब मोदी सरकार ने इस योजना का दायर सभी बुजुर्गों के लिए बढ़ा दिया है।
पिछले 23 जुलाई को बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा था कि मोदी सरकार देश भर के 4 करोड़ बुजुर्गों जिसमें बिहार के 38 लाख बुजुर्ग शामिल हैं, के स्वास्थ्य की चिंता की है और उन्हें आयुष्मान भारत स्कीम के दायरे में लाया जाएगा. सम्राट चौधरी ने यह भी कहा था कि बुजुर्गों के इलाज की कोई शर्त नहीं होगी. इनकम, पेंशन, बैंक बैलेंस, जमीन या पुरानी बीमारियों के आधार पर किसी बुजुर्ग को इस योजना से दूर नहीं रखा जाएगा।
सम्राट चौधरी ने यहां तक कहा था कि इस स्कीम में पुरानी बीमारियों को भी कवर किया जाएगा. उनका कहना था कि बीमारी की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च, सभी मेडिकल जांच, आपरेशन और दवाइयों का खर्च, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद की सभी दवाइयों का खर्च मोदी सरकार उठाएगी। इस स्कीम की खास बात यह भी है कि मरीज किसी भी निजी अस्पताल में जाकर 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकता है. देशभर में अभी 34 करोड़ से ज्यादा लोग आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा रहे हैं।
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