बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर इस बार सीतामढ़ी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में थे और उन्हें जीत भी हासिल हुई। ऐसे में अब आज उन्होंने विधान परिषद के सभापति पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद अब सभापति की कुर्सी खाली हो गई। इसके लिए कई नामों की चर्चा है। हालांकि, बीजेपी के पास विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी है, ऐसे में विधान परिषद के सभापति की कुर्सी जेडीयू के पास ही रहेगी।
दरअसल, देवेशचंद्र ठाकुर के लोकसभा सांसद बनने के बाद अब बिहार विधान परिषद में सभापति का पद खाली होने जा रहा है। उनकी जगह नए चेयरमैन का चुनाव होगा। इसको लेकर कई नामों पर चर्चा शुरू हो गई। हालांकि,यह तय माना जा रहा है कि उस कुर्सी पर वही एमएलसी बैठेगा, जिसके नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुहर लगाएंगे।
वहीं, इस पद के लिए जिन नामों की चर्चा सबसे तेज है उसमें सीनियर लीडर रामवचन राय, गुलाम गौस, पूर्व कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह के साथ-साथ नीरज कुमार के नाम शामिल हैं। हालांकि, इसके चयन का पूरा अधिकार सीएम नीतीश कुमार के पास है। ऑफ द रिकॉर्ड सभी नेता इस बात को स्वीकार करते हैं। ऐसे में विधान परिषद का नया सभापति वही होगा, जिन्हें नीतीश कुमार चाहेंगे। देवेश चंद्र ठाकुर भी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे।
मालूम हो कि, बिहार में जदयू और बीजेपी के बीच यह समझौता रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी जिस पार्टी के पास रही है तो विधान परिषद की कुर्सी दूसरे को मिली है। इसके तहत इस बार विधान परिषद की कुर्सी फिर से जदयू को मिलना तय माना जा रहा है। ऐसे नीतीश कुमार चाहेंगे तो बीजेपी को वह भी कुर्सी दे सकते हैं। आपको बताते चलें कि, बिहार विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैं। इसमें बीजेपी 24 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। उसके बाद जदयू के 21 सदस्य हैं देवेश चंद्र ठाकुर का सीट भी खाली हो रहा है जिस पर आने वाले समय में चुनाव होगा।ऐसे में जदयू के सदस्यों की संख्या घटकर 20 हो जाएगी।
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