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शिक्षकों के वेरिफिकेशन का बदला तरीका, केके पाठक के विभाग का बड़ा फैसला

पटना: बिहार में जबसे शिक्षा विभाग की कमान केके पाठक ने संभाली है तभी से वह लगातार कोई न कोई बड़ा निर्णय लेते हैं। इसी कड़ी में अब केके पाठक ने निर्णय लिया है कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा चयनित शिक्षकों द्वारा जमा किए ऑनलाइन और ऑफलाइन कागजातों का अब सत्यापन किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा पहले और द्वितीय चरण में चयनित जिले के 5467 शिक्षकों के कागजात का सत्यापन किया जाएगा।

Teachers will be monitored through app in bihar

दरअसल, बीपीएससी के पहले चरण में जिले में 3503 और दूसरे चरण में कुल 1964 शिक्षकों की बहाली हुई थी। जिनके द्वारा विभाग के वेबसाइट पर नवनियुक्त शिक्षकों ने अपने प्रमाण पत्र अपलोड किए थे। इसके बाद अब उसका मिलान बिहार बोर्ड सहित अन्य बोर्ड के वेबसाइट से किया जाएगा। ताकि पता चल सके कि शिक्षकों द्वारा जो प्रमाण पत्र उनके शैक्षणिक योग्यता से जुड़े अपलोड किए गए थे, वह सही हैं या नहीं।

वहीं, विभागीय स्तर पर यह काम शुरू होगा। पहले चरण में सिर्फ बिहार बोर्ड से जिले में मौजूद शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच होगी। इसके बाद अन्य राज्यों के बोर्ड से आए शिक्षकों के कागजात की जांच होगी। इसके लिए शिक्षकों का आना जरूरी नहीं है। शिक्षा विभाग के कर्मी प्रखंडवार शिक्षकों की सूची ब्लॉक से लेंगे। इसके बाद यहां पर उनके द्वारा जमा किए गए सर्टिफिकेट और विभाग के साइट पर अपलोड किए गए सर्टिफिकेट का मिलान लिया जाएगा।

उधर, प्रत्येक सर्टिफिकेट के मिलान होने पर ऑनलाइन माध्यम से वेरीफाई किया जाएगा। अगर किसी सर्टिफिकेट का मिलान नहीं होता है, तो ऑनलाइन वेरीफाई कर दिया जाएगा। इसके लिए लोगों को ऑफिस आने की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन के जरिए अब सत्यापन होने से सभी लोगों को फायदा होगा।

 

 

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