Press "Enter" to skip to content

बाल विवाह पर लगी रोक, “बालिका वधु” बनने से बच गई बिहार की 2960 लड़कियां

पटना: देश में आज भी बाल विवाह की कुरीति फैली हुई है। इसको रोकने के लिए सामाजिक संगठन और सरकार दोनों मिलकर काम कर रही है।

इसी कड़ी में 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 265 जिलों के डेटा से पता चला कि 2022-23 में नागरिक समाज संगठनों के द्वारा पुलिस की मदद से 9,551 बाल विवाहों को रोका गया है. इसमें लगभग 60% लड़कियां 15-18 वर्ष आयु वर्ग की थी. इसके अलावा इसमें जिन लड़कियों की शादी रोकी गई उनमें से 26% लड़कियां 10 से 14 वर्ष की आयु वर्ग की थी।

इसके अलावा बता दें कि इसमें 9 वर्ष और उससे कम उम्र की लड़कियों की शादी के मामले 0.6% हैं. देश के 5 राज्यों में सबसे ज्यादा बाल विवाह रोका गया है. इसमें बिहार में 31%, पश्चिम बंगाल में 11%, उत्तर प्रदेश में 11%, झारखंड में 10% और राजस्थान में 7% प्रतिशत मामले रोके गए हैं. वहीं, इस मामले में पश्चिम बंगाल (32%) बिहार (7%) असम (27%), ओडिशा (8%) और महाराष्ट्र (6%) में सबसे ज्यादा FIR दर्ज की गई है।

161 नागरिक समाज संगठनों के गठबंधन ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ द्वारा संकलित डेटा सामने आया है कि 2022-23 में 59,364 बाल विवाह रोके गए हैं. इसे 9,551 बाल विवाह मामलों में, कानूनी हस्तक्षेप के माध्यम से रोके गए हैं जबकि 49,813 बाल विवाह माता-पिता की काउंसलिंग और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से रोके गए हैं।

 

Share This Article
More from ADMINISTRATIONMore posts in ADMINISTRATION »
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from NewsMore posts in News »
More from PATNAMore posts in PATNA »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *