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लोकसभा चुनाव 2024: इस बार युवा और महिला मतदाता मिलकर तय कर सकते हैं कुर्सी!

पटना: लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज चुकी है। दोनों गठबंधन तैयारियों को अंतिम रूप दे चुके हैं। राज्य में इस बार सत्ता की चाबी युवा व महिला मतदाताओं के पास है। युवा और महिला मतदाता मिलकर कुर्सी तय कर सकते हैं। राजनीतिक दल भी इस सच्चाई से वाकिफ हैं। लिहाजा सभी राजनीतिक दलों का जोर इन्हीं दो वर्गों के मतदाताओं पर सबसे अधिक है। इतना ही नहीं, वोट प्रतिशत बढ़ाने के हर संभव प्रयास में लगा चुनाव आयोग भी इन वोटरों को अधिक से अघिक संख्या में बूथ तक पहुंचाने के लिए इन्हीं पर फोकस कर रहा है।

Youth and women voters increased in Bihar Elderly voters decreased see  latest figures - बिहार में युवा और महिला वोटर्स की संख्या में इजाफा;  बुजुर्ग मतदाता घटे, देखें लेटेस्ट ...

प्रमंडलवार देखें तो सत्ता की कुर्सी बिहार में उसी के साथ जाएगी, जिनके साथ युवा और महिला वोटरों का हुजूम जाएगा। इस बात को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि सूबे में कुल वोटरों की संख्या 7.64 करोड़ है। इनमें से युवा और महिला मतदाताओं की संख्या 94 फीसदी के आसपास है। इनमें युवा मतदाता 46.30 फीसदी और महिला वोटर 47 प्रतिशत हैं।

सूबे में सबसे अधिक युवा वोटर तिरहुत प्रमंडल में हैं, जहां 18 से 39 वर्ष के वोटरों की संख्या 73 लाख के करीब है। दूसरे स्थान पर पटना है, जहां इस वर्ग आयु के वोटरों की संख्या 46 लाख है। वहीं, महिला वोटरों की बात करें तो इनकी सर्वाधिक संख्या भी तिरहुत प्रमंडल में है। तिरहुत में महिला वोटरों की संख्या 70 लाख को पार कर गई है। पटना प्रमंडल में 58 लाख से अधिक महिला वोटर हैं।

लोकसभा चुनाव में आयोग का ध्यान भी इसी आयु वर्ग के वोटरों पर सबसे ज्यादा है। वोट प्रतिशत का राष्ट्रीय औसत 67.3 फीसदी के आंकड़े को छूने के लिए इन वोटरों का बूथ तक पहुंचना आयोग को जरूरी जान पड़ता है। यही वजह है कि आयोग ने सभी जिलों को युवा व महिला वोटरों को बूथ तक लाने और उनका मतदान सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। पिछले कुछ चुनावों का अनुभव यह रहा है कि युवा मतदाता वोट देने में ज्यादा उत्साहित नहीं रहते हैं। इस बार चुनाव आयोग ने उन्हें वोटर बनाने से लेकर मतदान के प्रति उन्हें उत्साहित करने का अभियान चलाया है। तिरहुत प्रमंडल अव्वल है तो पटना दूसरे नंबर पर है।

सभी दल युवाओं और महिला मतदाताओं से जुड़े मुद्दों और योजनाओं को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने में प्राथमिकता देते रहे हैं। भाजपा की ओर से युवा, महिला, किसानों की बात की जा रही है। दूसरी ओर, राजद रोजगार को मुख्य मुद्दा बना रहा है।

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