राजधानी पटना में सक्षमता परीक्षा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे नियोजित शिक्षकों को लेकर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि सक्षमता परीक्षा में फेल होने पर भी नियोजित शिक्षकों को सेवा से मुक्त करने पर सरकार का अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग की एक कमेटी ने अपनी अनुशंसा इस विषय पर की है। जिस पर अभी तक सरकार ने फैसला नहीं लिया है।
शिक्षामंत्री ने कहा कि शिक्षकों को हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा ली जा रही है। आज सक्षमता परीक्षा के विरोध में नियोजित शिक्षक आर-पार के मूड में नजर आ रहे हैं। सुबह होते ही राज्य भर से हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारियों का गर्दनीबाग पहुंचना जारी है। नियोजित शिक्षकों के संगठनों ने संयुक्त रूप से बिहार शिक्षक एकता मंच बनाया है। इससे पहले कई जिलोंम में सक्षमता परीक्षा के विरोध में शिक्षकों ने मसाल जुलूस निकाला था।
केके पाठक के आदेश के बावजूद तमाम नियोजित शिक्षक इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। जारी हुए आदेश में साफ तौर से निर्देशित किया गया था कि अब नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा तभी मिलेगा जब सक्षमता परीक्षा पास करेंगे। जिसके लिए उन्हें तीन मौके मिलेंगे। अगर तीनों बार फेल हुए तो, शिक्षक सेवा से हटा दिया जाएगा। इसी निर्णय का बहिष्कार करते हुए शिक्षक संघ ने आज विधानसभा के घेराव करने का फैसला लिया था। नियोजित शिक्षकों के प्रदर्शन के चलते गर्दनीबाग से सचिवालय तक बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। और अधिकारियों को भी तैनात किया गया है।
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