पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एक अन्ने मार्ग में अपने परिजनों के साथ छठ महापर्व मनाया। इस दौरान उन्होंने उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। ये आयोजन पूरी तरह पारिवारिक था। जिसमें नीतीश के भाई और बहनों का पूरा परिवार शामिल हुआ था। इस मौके पर नीतीश कुमार ने राज्य की तरक्की की कामना की। और कहा कि यह अनुशासन का पर्व है। व्रती साफ मन से डूबते और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। सूर्य देव से राज्य की प्रगति, सुख- समृद्धि की प्रार्थना करता हूं।
मालुम हो कि, राज्य में तकरीबन 2.97 करोड़ परिवारों में से 80 लाख से अधिक परिवारों में छठ महापर्व मनाया जा रहा है। सुबह को उगते हुए सूर्य को छठ व्रती अर्घ्य दिया। चार दिवसीय छठ महापर्व शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था।
शनिवार की शाम को छठव्रतियों ने भगवान सूर्य की पूजा कर तथा उन्हें भोग अर्पित कर खरना का प्रसाद ग्रहण किया। जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ हो गया। सोमवार को उदय होते सूर्य को अर्घ्य समर्पित करने के बाद व्रती ने अन्न-जल ग्रहण किया।
छठ महापर्व के सफल तथा निर्विघ्न आयोजन के लिए शासन-प्रशासन की पुख्ता तैयारी है। सभी छठ घाटों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी। राज्यभर में 4000 से अधिक छठ घाट सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा तैयार किये गये हैं, हालांकि इससे बड़ी तादाद समाज द्वारा तैयार किये गये हैं। एक बार फिर इस महापर्व में सामूहिकता बोध उदाहरण के रूप में दिखने वाला है। छठ महापर्व में शामिल होने के लिए दूर देश व प्रदेशों से स्वजन भी अपने-अपने गांव आ चुके हैं। जो परदेसी नहीं आ पाये, वे छठ पर्व के बिहार के इस अनमोल संस्कार को वहीं जीवंत बना रहे हैं।
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