लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नहाए खाए से शुरू हो गया हैं। इस वर्ष 17 नवंबर से छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू हो चुका है। 19 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद संपन्न होगी। छठ पर्व को बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ आज पूरे देश और विदेशों में भी मनाया जा रहा है।
चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व में कई तरह के प्रसाद बनाये जाते हैं. छठ महापर्व में फलों का भी विशेष महत्व है। छठ महापर्व में जिस तरह से छठ व्रती ठेकुआ बनाती हैं, ठीक उसी प्रकार फलों का विशेष महत्व है. अर्घ्य देने के लिए दउरा सजाया जाता है, जिसमें फल-फूल, अक्षत, पान पत्ता, अदरा पात, सुपारी से सजाया जाता है. साथ ही कई ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें रखना बहुत जरूरी होता है।
कुछ फल ऐसे हैं जिसके बिना अरघ देना अधूरा माना जाता है। केला, सुथनी, आदि, हल्दी, गागर नींबू, ईख, नारियल, पानी सिंघाड़ा, छठ का प्रमुख प्रसाद है।
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