पटना: बिहार में जातीय गणना का आंकड़ा पेश कर दिया गया है। गांधी जयंती के मौके पर नीतीश कुमार ने यह फैसला लिया कि बिहार में जो जाति आधारित गणना करवाई गई उसका रिपोर्ट जारी कर दिया गया है। बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। सरकार द्वारा जारी जातीय गणना के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। जिसमें अत्यंत पिछड़ा- 36 फीसदी, पिछड़ा वर्ग- 27 फीसदी, अनुसूचित जाति- 19 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1.68 फीसदी है।
दरअसल, बिहार में सभी दलों की सहमति से जातीय गणना कराने पर सहमति बनी थी। सभी दलों की सहमति के बाद विधानमंडल के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित हुआ। केंद्र सरकार के इनकार करने के बाद बिहार सरकार ने अपने बूते पर जातीय गणना का काम शुरू किया लेकिन जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था और मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद दो चरणों में जातीय गणना का काम पूरा हुआ।
जातीय गणना का काम पूरा होने के बाद विपक्षी दल लगातार सरकार से जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही थी लेकिन आखिरकार नीतीश सरकार ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर जातीय गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया।
बिहार सरकार की तरफ से बिहार जाति आधारित जनगणना में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है। इनमें हिंदू समुदाय की आबादी 81.9%, मुस्लिम की आबादी 17.7%, ईसाई 0.05%, सिख- 0.01%, बौद्ध 0.08%, जैन 0.0096% और अन्य धर्म के लोगों की आबादी 0.12% है। 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में 10.07 करोड़ हिंदू और मुस्लिम की आबादी 2.31 करोड़ है।
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