प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से संसदा का विशेष सत्र बुलाया है। इसकी शुरुआत 18 सितंबर को संसद के पुराने भवन से होगी। वहीं, गणेश चतुर्थी के दिन यानी कि 19 सितंबर को नए संसद भवन में इसे शिफ्ट कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि यह सत्र 22 सितंबर तक चलेगा। हालांकि, अभी तक इसका एजेंडा सामने नहीं आया है, जिसको लेकर सियासी गहमागहमी जारी है। अटकलें लगायी जा रही हैं।
आपको बता दें कि विपक्ष के इंडिया गठबंधन ने मंगलवार को केंद्र सरकार से संसद के विशेष सत्र का एजेंडा सार्वजनिक करने की मांग की है। गठबंधन का कहना है कि वह एक सकारात्मक सत्र चाहता है। विपक्ष ने उम्मीद जताई है कि विशेष सत्र में सरकार महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा करेगी।
सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विशेष सत्र का एजेंडा पूछा है। साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए। उन्होंने पत्र में कहा, “मैं इस बात का उल्लेख करना चाहूंगी कि संसद का विशेष सत्र राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए बिना बुला लिया गया। इस सत्र के एजेंडे के बारे में हमें जानकारी नहीं है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में उनके निवास पर रात्रिभोज पर हुई बैठक में इंडिया गठबंधन के लोकसभा और राज्यसभा में पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि विशेष सत्र में दो सप्ताह से भी कम समय है, पर सरकार ने अभी तक सत्र का एजेंडा नहीं बताया है। सरकार से एजेंडा बताने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शिता बरतनी चाहिए।
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