बिहार के अलग-अलग शिव मंदिरों में आज सुबह से ही लोग भगवान भोलेनाथ पर जल अभिषेक करने पहुंच रहे हैं। शिवालयों के अंदर भक्तों की काफी लंबी भीड़ देखने को मिल रही है। आज सावन मास का अंतिम सोमवार और सावन की आठवीं सोमवारी है। प्रदोष वर्त के दुर्लभ संयोग में सावन की आठवीं सोमवारी है। सनातन धर्मालंबी आज सुबह स्नान ध्यान कर भगवान भोलेनाथ को रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, पार्थिव पूजन, महामृत्युंजय जाप कर भगवान भोलेनाथ को रिझाने में लगे हुए हैं।
दरअसल, सावन मास शिव के साथ उनके परिवार और गण की भी पूजा होगी. भक्तों का मानना है कि पुण्यकारी संयोग में शंकर-पार्वती की पूजा-आराधना से भक्तों के सभी मनोरथ जल्द पूर्ण होते हैं। सावन का महीना भगवान भोले के लिए और उनके भक्तों के लिए भी खास माना जाता है। वहीं, सावन का प्रत्येक सोमवार की महत्ता अधिक होती है। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा- आराधना करने और व्रत रखने का महत्व होता है।
वहीं, इस साल मलमास लगा है और सावन महीने में लगे इस मलमास को ही अधिक मास कहा जाता है। इस बार सावन में 8 सोमवारी को भक्त जलाभिषेक कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज अंतिम सोमवारी व्रत भक्तों ने रखा है। इस साल सावन में अधिक मास की मासिक शिवरात्री पड़ रही है। इसलिए, इसका महत्व भी बढ़ चुका है।
इधर, भागलपुर के सुलतानगंज स्थित नमामि गंगे घाट व धांधी बेलारी में रविवार को भजन संध्या का आयोजन किया गया। गीतों की प्रस्तुति से माहौल पूरी तरह शिवमय हो गया। मलमास की आज अंतिम सोमवारी है। सुविधा व सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। बिहार से श्रद्धालुओं बाबा धाम के लिए जा रहे है।
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