Press "Enter" to skip to content

76वें स्वतंत्रता दिवस: 18 साल तक इस दिन मनाया जाता था स्वतंत्रता दिवस, जानें कैसे 15 अगस्त तय हुई तारीख

76वें स्वतंत्रता दिवस: अंग्रेजों से आजादी मिले हमें 76 साल पूरे होने वाले हैं। 15 अगस्त 1947 को हमें आजादी मिली थी। इस आजादी को पाने के लिए हमारे ना जाने कितने महापुरुषों ने अपने प्राण न्योक्षावर कर दिए थे। 76वें स्वतंत्रता दिवस को सेलीब्रेट करने के लिए देशभर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस दिन देश के प्रधानमंत्री दिल्ली में स्थित लालकिला पर ध्वजारोहण करते हैं और उसके बाद देशवासियों को संबोधित करते हैं। इस बार भी पुरानी सारी परंपराओं को निभाया जाएगा। क्या आपको पता है कि पहले हम अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त की जगह किसी और तारीख को मनाते थे। जी हां, ये एकदम सही है। पहले हम 15 अगस्त की जगह 26 जनवरी को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते थे।

76th Independence Day 2022 Highlights: Celebrations across India; PM Modi  sets 'Panch Pran' target for next 25 years

दरअसल, 15 अगस्त 1947 से बहुत पहले 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज के अपने प्रस्ताव को लागू करने की घोषणा की थी. इसका मतलब था कि भारत अब ब्रिटिश राज से पूरी तरह मुक्त होगा. तभी से भारतीय हर वर्ष 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस (इंडिपेंडेंस डे) मनाने लगे थे। 15 अगस्त 1947 में आजादी मिलने तक यानी 18 साल तक हमने 26 जनवरी को अपना स्वाधीनता दिवस मनाया था. 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज के प्रस्ताव लागू होने की तिथि को महत्व देने के लिए ही 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया गया. मतलब आजादी मिलने के बाद हमने इस दिन अपने संविधान को लागू किया और उसके बाद से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने लगे।

Flag hoisting time on 15 August 2022: Independence Day celebrations  guidelines - All details | Har Ghar Tiranga campaign | Zee Business

15 अगस्त को क्यों मिली आजादी?

दरअसल, अंग्रेजों के जुल्म सहने के बाद भी भारतीयों में स्वाधीनता की लौ जलती रही. 1930 के दशक में महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू जैसे राजनेता राजनीतिक रूप से आजादी पाने की कोशिश कर रहे थे. तो वहीं चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे महापुरुष अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़े हुए थे. अंग्रेजों पर चौतरफा दबाव बढ़ने लगा था. अंततः अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. उस वक्त ब्रिटिश संसद ने लॉर्ड माउंटबेटन को भारत का अंतिम ब्रिटिश गवर्नर जनरल बनाया।

लॉर्ड माउंटबेटन को 30 जून 1948 तक भारत को सत्ता हस्तांतरित करने का आदेश दिया था. लेकिन माउंटबेटन ने तारीख को 15 अगस्त 1947 तक आगे बढ़ाने का फैसला किया. उन्होंने पाकिस्तान को अलग कर दिया. उन्होंने कहा था कि वो हिंदू-मुस्लिम में कोई खून खराबा या दंगा नहीं चाहते. इतना ही नहीं माउंटबेटन ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए भारतीय स्वतंत्रता की तारीख के रूप में 15 अगस्त को चुना था।

 

Share This Article
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from NationalMore posts in National »
More from PATNAMore posts in PATNA »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *