पटना: भागलपुर में निर्माणाधीन अगुवानी पुल के ध्वस्त होने को लेकर शुरू हुई सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। बीजेपी के नेता इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर बने हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस मामले को लेकर एक बार फिर तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोला है। विजय सिन्हा ने कहा है कि सरकार अगुवानी पुल हादसे की जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। उन्होंने पूछा है कि सदन में घोटालों की बात कर आवाज बुलंद करने वाले तेजस्वी इस घोटाले पर चुप क्यों हैं।
विजय सिन्हा ने कहा है कि सरकार पूरे मामले की लीपापोती के खेल में लग गई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह पुल निर्माण कार्य में लगे इंजीनियरों और अधिकारियों की सूची सरकार सार्वजनिक करे और उनकी संपत्ति की भी जांच कराई जाए। पथ निर्माण विभाग के दो तीन इंजीनियर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े जा चुके हैं। सरकार यह स्पष्ट करे कि उन इंजीनियरों के पास से जो करोडों रुपए मिले थे वे किसके पास जाते थे। वसूली का जो खेल बिहार के अंदर हो रहा है उसे बिहार की जनता जानना चाहती है।
उन्होंने कहा कि टेंडर में भी बड़ा घोटाला हो रहा है। एसपी सिंघला जैसी सरकार की चहेती कंपनी के इंजीनियर ही टेंडर का पेपर तैयार करते हैं। उनके सलाह और हिसाब से ही टेंडर की कॉपी तैयार होती है ताकि उनको ही टेंडर मिल सके। टेंडर की राशि ऐसी रखी जाती है कि 25 फीसदी कम भी हो जाए तो कंपनी को घाटा नहीं हो दूसरी कंपनियां टेंडर को लेने के लिए हिम्मत भी नहीं जुटा पाती हैं। एसपी सिंघला कंपनी के अकाउंट की भी जांच हो ताकि पता चले कि किसको कितना कमीशन भेजा गया है।
विजय सिन्हा ने कहा कि सीबीआई या हाईकोर्ट के सीटिंग जज से जांच कराने के बाद सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा लुटने के लिए विभाग की तरफ से इस तरह की व्यवस्था पहले से ही बना दी जाती है। नीतीश कुमार के तकनीकी घोटाला के कारण यह घोटाला हुआ है, इसकी जांच होनी चाहिए। सिर्फ पथ निर्माण विभाग में ही नहीं बल्कि निर्माण कार्य से जुड़े जो भी विभाग हैं उनमें इसी तरह का खेल चल रहा है। सरकार भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस की बात करती है तो उसे इन सवालों को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे पहले हुए घोटालों की फाइलें जला दी गईं उसी तरह से पथ निर्माण विभाग में भी फाइलें जला दी जाएंगी।
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