पटना: सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार लगाया। जनता दरबार में सीएम ने लोगों की फरियाद सुनी। दो सप्ताह बाद नीतीश कुमार जनता के दरबार में उपस्थित हुए। पिछले दो सोमवार को इसका आयोजन नहीं हो पाया था। इस वजह से बड़ी संख्या में राज्य भर से फरियादी सोवार को पटना पहुंचे और सीएम से अपनी समस्या बताकर समाधान की गुहार लगाई।
जनता दरबार में अपने बेटे से प्रता’ड़ित मुजफ्फरपुर के रामसेवक प्रसाद पहुंचे। उन्होंने सीएम से इसकी शिकायत की। उन्होंने कहा कि उनका छोटे बेटे ने उन्हें घर से निकाल दिया है। वह घर से बाहर जैसे तैसे जीवन काट रहे हैं। बेटा कहता है कि कहीं किसी से शिकायत की तो गोली मार देंगे। बेटे से बहुत डर लगता है क्योंकि अब उससे जा’न का खतरा है।
बुजुर्ग रामसेवक प्रसाद की फरियाद सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत डीजीपी आरएस भट्टी से फोन कर बात की। उन्होंने डीजीपी को निर्देश दिया कि इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करें ताकि इन्हें राहत मिल सके। सीएम ने बुजुर्ग की समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बुजुर्ग महिला से भोजपुरी में बात की। उन्होंने पूछा -के धम’की देले बा रऊआ के, फिर दोबारा पूछा के ध’मकी देले बा। बुजुर्ग महिला ने भोजपुरी में अपनी फरियाद लगाई तो मुख्यमंत्री ने भी उनसे उन्हीं के अंदाज में बात की। उन्होंने भोजपुरी में महिला से उनका हाल चाल जाना।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकारी के निर्णय का अनुपालन नहीं करने वाले पदाधिकारियों पर होगी कार्रवाई। भूमि संबंधी एक मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाकर कहा कि अंचलाधिकारी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के निर्णय का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। इन पर तुरंत कार्रवाई करें। उन्होंने साफ किया कि लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश का पालन करना अधिकारियों के लिए अनिवार्य है।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कहा कि कोई पदाधिकारी बहाल है और वह सरकार के निर्णय का अनुपालन नहीं कर रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में पहुंची शिकायत पर मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया। सोमवार को आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में करीब 80% मामले भूमि विवाद के थे। पिछले दो सोमवार से मुख्यमंत्री जनता दरबार का आयोजन नहीं किया गया था।
एक फरियादी ने सीएम से बैंक खाता से 80,000 रुपए गायब कर लिए जाने की शिकायत की। इस मामले पर मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को फोन का तुरंत कार्रवाई करने की बात कही। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा कि बिना किसी ओटीपी के उसके बैंक खाते से 80,000 रुपये निकाल लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके रुपए बरामद करने के लिए किसी स्तर पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसी वजह से उन्हें यहां आकर गुहार लगाना पड़ा।
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