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मुजफ्फरपुर में 40 साल पहले खोए बेटे को देख रो पड़ी बूढ़ी मां, बोली- मुझे विश्वास था तू आएगा…

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। जहाँ नौकरी कराने के नाम पर एक 14 साल के बच्चे को उसका पड़ोसी बाहर लेकर चला गया था जहां उसे बेच दिया। 40 साल के बाद वो बच्चा आज बुजुर्ग होकर किसी तरह अपने घर लौटा। बेटे को घर के दरवाजे पर देख बूढ़ी मां की आंखें नम हो गयी। वही बहन ने जब भाई को देखा तो उसके आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे। जो थमने का नाम नहीं ले रहा था। इलाके के लोग भी बृजकिशोर को देखकर काफी खुश हुए।

मामला मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाना क्षेत्र के चकमाखन के रहने वाले लालदेव सिंह के 14 वर्षीय बेटे बृजकिशोर को करीब 40 साल पहले पड़ोस के ही रहने वाले गुलाब राम ने नौकरी के नाम पर बाहर ले गया था और वहां उसे बेच दिया।  दिल्ली के अलग अलग इलाके में उससे कठिन परिश्रम कराया गया, और पैसे के बदले सिर्फ पिटाई की जाती रही।

40 साल बाद किसी तरह घर पहुंचे ब्रिज किशोर अब बेहद कमजोर और बुजुर्ग हो चुके हैं. उन्होंने लड़खड़ाती आवाज में बताया कि दिल्ली में उनके साथ बहुत ज़्यादती हुई, फिर कमजोरी से वो बीमार पड़ने लगे, हॉस्पिटल में कई दिनों तक भर्ती रहे, फिर भी उनसे बिना पैसे के काम कराया जाता रहा और पिटाई की जाती रही. जो उन्हें लेकर गया था वो उन्हें छोड़कर भाग चुका था.उन्हें अलग अलग शहर भेजकर काम कराया जाता रहा.

वहां से वो किसी तरह भागकर मेरठ पहुंचे, वहां मंदिर में रहने लगे. करीब 20 साल तक मंदिर में रहें और लगातार बीमार रहने पर अस्पताल में रहें. हालांकि इस दौरान कई बार घर पर चिट्ठी लिखने की कोशिश की, लेकिन पता में थोड़ी गड़बड़ी होने के कारण कोई चिट्ठी कभी पहुँच नहीं सका. उनके नाम का मेरठ मे ही आधार कार्ड बना और वो परिवार से दूर वहीँ जिंदगी काटने लगे. फिर अचानक पता लगाते लगाते वो अन्य लोगों के सहयोग से पटना के दानापुर पहुंचे, वहां से मुजफ्फरपुर और फिर चकमाखन में अपने घर पर पहुंच गया।

घर पर बूढ़ी माँ 40 वर्षों से बेटे का इंतजार कर रही थी, अचानक बुजुर्ग हो चुके बेटे को 70 वर्षीय माँ श्यामपति देखते ही पहचान गई, फिर दोनों खूब जीभर रोए. माँ कहती है कि उन्हें उम्मीद था कि उनका बेटा एक न एक दिन जरूर लौटेगा. उसके पिता बेटे के वियोग में ही मर गए। बुजुर्ग मां ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर उसे उनका पड़ोसी ले गया था। जब भी पूछते थे तब बोलता था कि हम क्या जानते हैं और ले जाकर वहां बेच दिया। पति तीन महीना तक हर जगह उसे खोजे लेकिन पता नहीं चल सका। बेटे को खोजते खोजते उनके पिता की मौत हो गयी। लेकिन मां को विश्वास था कि उनका बेटा जिंदा है वो एक ना एक दिन घर जरूर आएगा।

बहन ने बताया कि चालीस साल के बाद उनका भाई लौटा है। बेटे को खोजते खोजते पिता ने दम तोड़ दिया। घर से गये थे तब इनकी उम्र 12 साल था और मेरा 8 साल। भाई के लौटने से रेखा काफी खुश है। वहीं भाई के आने की खबर सुनते बहन भी ससुराल से तुरंत मायके चली आई. बहन रेखा बताती है कि जब हम करीब 07 साल के थे तभी उनका भाई बाहर गया था और गायब हो गया था, लौटने के बाद भी मुझे पहचान रहें हैं.बृजकिशोर के घर लौटने की चर्चा गाँव भर में हो रही है, हर कोई उन्हें देखने पहुंच रहा है. सबकी जुबान पर बस इतना ही आ रहा है कि ये भगवान का चमत्कार है, एक माँ की उम्मीद ने उन्हें वापस ले आया है. फिलहाल बृजकिशोर की हालत बेहद गंभीर है, उन्हें मुजफ्फरपुर के अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है.

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