बिहार में एक नए किसान आन्दोलन की आहट तेज हो गई है। यूपी की सीमा पर चक्का जाम कर दिया जाएगा। किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले इसकी तैयारी चल रही है। आगामी 29 अप्रैल को बड़ी संख्या में किसान अपने हक की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरेंगे। किसान की बैठक जिला मुख्यालय स्थित शिव मंदिर परिसर में हुई। अध्यक्षता मोर्चा के जिलाध्यक्ष विमलेश पांडेय और संचालन सतीश सिंह ने किया।
किसानों की बैठक में भारत माला एक्स्प्रेस-वे निर्माण के लिए किसानों से सरकार द्वारा अधिग्रहण की जानेवाली भूमि पर चर्चा हुई। कहा गया कि सरकार हमेशा किसानों को छलती है। हम जमीन का वाजिब मुआवजा के लिए यूपी-बिहार की सीमा पर 29 अप्रैल को चक्का जाम करेंगे। चुनाव के दरम्यान उनका वोट लेने के लिए नेता कई लुभावने वादे करते हैं, लेकिन आज किसानों के पक्ष में कोई मजबूती के साथ खड़ा नहीं हो रहा है।
किसानों ने बैठक में अपनी पीड़ा सुनाई और कहा कि जमीन अधिग्रहण कर लिए जाने से उनके समक्ष भोजन का संकट उत्पन्न हो जाएगा। अगर उन्हें उचित मुहावजा नहीं मिला तो वह कई तरह की परेशानियों से घिर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक वह सरकार से अपने हक के लिए संघर्ष करेंगे। चक्का जाम आंदोलन की सफलता के लिए संपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। किसानों का शिष्टमंडल डीएम से मिला और मांगों का ज्ञापन दिया। बैठक में श्रवण कुमार पटेल, अनिल कुमार सिंह, अलियार राम, अभय कुमार सिंह, प्रभात पटेल, मिंटू सिंह बैरी आदि थे।
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