भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के विधायकों ने केंद्र की ओर से लाए जा रहे वक्फ विधेयक को लेकर सोमवार को बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन इसे वापस लेने की मांग की और सदन के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा(माले) लिबरेशन के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने और प्रस्तावित विधेयक को वापस लेने को सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
आलम ने आरोप लगाया, ‘‘मुस्लिमों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाली सभी तरह की सार्वजनिक संपत्तियां (मदरसे, कब्रिस्तान, खानकाह) वक्फ की हैं. प्रस्तावित विधेयक केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा समुदाय पर एक प्रहार से कम नहीं है.’’ वामपंथी नेता ने कहा, ‘‘कल हम विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाएंगे.’’ भाकपा माले इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) का घटक दल है जिसके 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 11 सदस्य हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कल यहां जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी के कार्यक्रम में शामिल होने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इनकार किया जाना, व्यक्तिगत व्यस्तताओं के कारण था और विचारधारा में किसी बदलाव को नहीं दर्शाता है.’’
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