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यह सबसे गंदी चीज हैं… IPS विकास वैभव के मामले पर बोले सीएम नीतीश

पटना: बिहार में आईपीएस विकास वैभव के ट्वीट मामले पर ह’ड़कंप मचा है। जिस पर वि’वाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने भी नाराजगी जताई है। मु्ख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी अधिकारी हो, उसका काम ट्वीट करना नहीं है। ये सबसे गंदी चीज है, अगर कोई समस्या है तो अपने डिपार्टमेंट या सीनियर लोगों को अपनी समस्या बतानी चाहिए। यही नहीं सीएम नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट भी मांगी है।

ट्वीट कर बयां किया था दर्द
आपको बता दें कि विकास वैभव ने कल दो ट्वीट किए थे। एक ट्वीट उन्होंने डिलीट कर दिया था। इसमें उन्होंने अपनी डीजी शोभा अहोतकर के खिलाफ लिखा था। दूसरे ट्वीट में (जो अब भी उपलब्ध है) में विकास वैभव ने लिखा था कि यात्री मन व्याकुल है. बंधनों से मुक्त होना चाहता है. परिस्थितियां अवरोध उत्पन्न करती प्रतीत भले हो रहीं हों परंतु यात्री मन यह भी जानता है कि यात्री मन को कोई बांध नहीं सकता है. जो निर्धारित है, वह स्वयं अपना मार्ग प्रशस्त करेगा।  शेष सब माया ही है, परंतु कर्म महत्वपूर्ण है. इस ट्वीट से समझा जा सकता है। कि विकास वैभव के मन में बहुत कुछ चल रहा है।

डीजी शोभा अहोतकर लगाए थे आरो’प
आपको बता दें 9 फरवरी को आईपीएस विकास ने ट्वीट कर होमगार्ड डीजी शोभा अहोतकर पर गाली गलौज और प्रता’ड़ित करने का आ’रोप लगाया था  विकास वैभव खुद होमगार्ड आईजी हैं। वरीय अधिकारी की प्रता’ड़ना से तंग विकास वैभव लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। जिसके बाद डीजी शोभा अहोतकर ने उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया है और 24 घंटे में जवाब देने को कहा है।

वरिष्ठ अधिकारी की छवि धूमिल करने का आ’रोप            
आईपीएस विकास वैभव को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि 9 फरवरी से सोशल मीडिया पर आपका एक ट्वीट वायरल हो रहा है। आपने डीजी रैंक की महिला अधिकारी पर गाली गलौज करने और प्रता’ड़ित करने का आ’रोप लगाते हुए उनके रिकॉर्डिंग की बात कही है। सोशल मीडिया के माध्यम से आपके द्वारा अपने विभाग के वरीय अधिकारी पर बेबुनियाद आरो’प लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। आपका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा नियमावली 1978 के प्रावधानों के विरुद्ध है। आप कार्यालय की बैठकों में हो रही चर्चा की रिकार्डिंग करते हैं। यह आपकी गलत मंशा का परिचायक है।

24 घंटे में मांगा स्पष्टीकरण   
नोटिस में कहा गया है कि कृपया आप 24 घंटे के भीतर अपना स्पष्टीकरण  समर्पित करें अन्यथा आपके इस आचरण को देखते हुए आप के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की जाएगी। ऐसे में अब देखना होगा कि आईजी विकास वैभव अपने स्पष्टीकरण में क्या कुछ कहते हैं। फिलहाल तो पूरे पुलिस महकमे में ये विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है।

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