पटना: बिहार के डिप्टी सीएम इन दिनों सरकार में हैं और वे नीतीश कुमार के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। लेकिन खुद तेजस्वी यादव को ये लगता है कि वे पूरी तरह से शासन में नहीं आए हैं। ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि ये खुद तेजस्वी का कहना है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर के साथ एक पोस्ट किया है, जो सियासी मायनों में ख़ास माना जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लिखा है कि “बीज को अंकुरित होने के लिए भूमिगत रह अंधेरे में खामोश रहना पड़ता ताकि वह अपने कठोर आवरण को तोड़ अंकुरित हो सके।” इस पोस्ट के अगर सियासी मायने देखे तो तेजस्वी यादव ने बताने की कोशिश की है कि वे अभी उस मुकाम को पूरी तरह हासिल नहीं कर पाए हैं जो वो करना चाहते हैं।
इस पोस्ट के ज़रिये तेजस्वी ये बताना चाहते हैं कि वे अभी खामोश हैं। यानि तेजस्वी अभी अंकुरण काल से गुज़र रहे हैं और बाद में जब वे अंकुरित हो जाएंगे तब जाकर उनकी पहचान बनेगी। आपको बता दें कि तेजस्वी इस तरह के पोस्ट पहले भी कर चुके हैं। लेकिन इस बार का पोस्ट ख़ास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि नीतीश कुमार के साथ सरकार में आने के बाद पहली बार उनका इस तरह का पोस्ट देखने को मिला है।
इस पोस्ट के दो ही मायने हो सकते हैं। या तो नीतीश के साथ सरकार में आने के बाद तेजस्वी को हर जगह एडजस्ट करना पड़ रहा है या 15-20 सालों में नीतीश के खिलाफ जो बातें हुई है उसके बाद अब नीतीश के साथ जाकर तेजस्वी अपनी पहचान कैसे बनाए इसके लिए वे फिलहाल अंकुरित दौर से गुज़र रहे हैं।
जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब देने के बाद सुधाकर सिंह को पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा और इसके बाद जगदानंद सिंह की भी नाराजगी देखी गई उसको लेकर तेजस्वी का ये पोस्ट पार्टी के नेताओं और समर्थकों के लिए एक मेसेज हो सकता है कि अभी हमारा दौर नहीं आया है लेकिन वह दिन जल्द ही आएगा। फिलहाल वे अपनी अलग पहचान बनाने में लगे हैं। तेजस्वी के लिए अभी वह अवस्था नहीं आई है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वे एक दिन अंकुरण फेज से निकलकर अंकुरित जरूर होंगे।
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