कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी पीड़ितों के इलाज के लिए देशभर में सरकार और प्रशासनिक मशीनरी हर मुमकिन उपाय करने में जुटी है. कोरोना संक्रमित मरीजों को क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जा रहा है. सेंटर पर उनकी बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है. लेकिन देश में कई जगहों से ऐसी खबरें आई हैं जहां क्वारंटाइन सेंटरों या अस्पतालों में भर्ती मरीज खाने में लजीज व्यंजन की मांग करते दिख रहे हैं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित एक अस्पताल का भी ऐसा ही एक वीडियो देखने में आया है, जहां एक मरीज मेडिकल स्टाफ से लंच में नॉन-वेज की मांग करते दिखाई दे रहे हैं.
दाल-चावल नहीं, नॉन वेज चाहिए
भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती इस मरीज के वीडियो में उसे लंच में मांसाहारी व्यंजन देने की मांग करते देखा गया है. यही नहीं, उन्हें यह कहते भी सुना जा सकता है कि नॉन वेज न खाने से उनके जबड़े दुखते हैं. वीडियो में कोरोना पीड़ित मरीज कह रहा है, ‘मुझे दाल-चावल नहीं चाहिए. दाल-चावल खाने से मेरे जबड़े दुखते हैं, मुझे बोटी ही चाहिए. जब तक मैं रोज बोटियां न चूस लूं, तब तक मैं चैन से नहीं रह सकता.’ वह इसमें चिकन-तंदूरी, मटन आदि की मांग करते दिख रहे हैं.
निजी अस्पताल को बनाया कोविड हॉस्पिटल
भोपाल में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच इस निजी अस्पताल को COVID हॉस्पिटल के रूप में तब्दील कर दिया गया है. वीडियो इसी हॉस्पिटल में भर्ती मरीज का है. वीडियो में दिख रहे मरीज वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ से यह कहते दिखे रहे हैं, ‘यहां खाना खराब नहीं है, लेकिन रोज-रोज मैं यह नहीं खा सकता.’ वीडियो में अपना परिचय देते हुए यह भी दावा करते हैं कि वह पहले मिलिट्री यानी फौज में थे, इसलिए उन्हें खाने में नॉन-वेज दिया जाए. ये सज्जन दिलेरी से अपना नाम और फोन नंबर भी वीडियो में कहते सुनाई पड़ रहे हैं.
Source: News18
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