बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कह दिया है कि जब तक लॉकडाउन में संसोधन नहीं होगा दूसरे राज्यों से बिहार के लोगों को बुलाना संभव नहीं है। सीएम नीतीश ने कहा है कि लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार का जो भी निर्णय होगा, उसका हम लोग पालन करेंगे। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम नीतीश ने ये बातें कहीं।
लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों को बिना क्वारनटाइन किए हुए गांवों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इसको लेकर पंचायती राज विभाग ने जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया है।
विभाग ने कहा है कि दूसरे राज्यों से बिहार आ रहे लोगों को हर हाल में समीप के क्वारनटाइन कैंप में ही रखवाने की व्यवस्था वहां की ग्राम पंचायतों द्वारा कराई जाये। किसी भी परिस्थिति में क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के पहले किसी को गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाय। विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलों के पंचायती राज पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा है।
उन्होंने जिलों को जिम्मेदारी दी है कि ग्राम पंचायत स्तर तक यह सूचना पहुंचाएं। इस कार्य में वहां के मुखिया का लगाया जाये। जिला यह सुनिश्चत कराए कि दूसरे राज्यों से आ रहे लोग बिना क्वारंटाइन किए हुए अपने घर में प्रवेश नहीं करें। अगर किसी व्यक्ति के द्वारा इस दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया जाता है तो तत्काल इसकी सूचना संबंधित थाने को दी जाय। ग्राम पंचायतों को को कहा गया है कि लाउड स्पीकर के माध्यम से भी इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाय। सभी पंचायत प्रतिनिधि का सहयोग इस कार्य में लिया जाये।
गौरतलब हो कि पंचायतों में स्कूलों में क्वारनटाइन कैंप बनाए गए हैं, जहां पर ऐसे लोगों को रहने, भोजन और चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की गई है। साथ ही लोगों के लिए साबुन और सेनेटाइजर आदि भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिलों को विभाग द्वारा यह भी कहा गया है कि ऐसी सूचनाएं आ रही है कि दूसरे राज्यों से लॉकडाउन के दौरान लोग खासकर मजदूर वर्ग दूसरे राज्यों से लौट कर बिहार आ रहे हैं। ऐसे में संक्रमण बढ़ने का खतरा है।
क्यों पड़ी इसकी जरूरत
दूसरे राज्यों से आने वाले कई लोगों में कोरोना संक्रमण पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे मामले डेढ़ दर्जन के करीब हैं। ऐसे लोगों को द्वारा दूसरे लोगों में यह संक्रमण फैल रहा है। कुछ लोग हैं जो अपनी जांच को स्वयं आगे आए हैं और सीधे अस्पताल गए अथवा क्वारनटाइन कैंप में गए। वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो प्रशासन को अपनी ट्रेवेल हिस्ट्री नहीं बता रहे हैं। वे सीधे अपने घर में चले जा रहे हैं। बाद में जानकारी मिल रही है कि उनकी तबियत खराब है और जांच पॉजिटिव मिले। इससे उनके परिवार के लोगों में ही यह रोग फैल जा रहा है। इससे कोरोना की एक चेन बन जा रही है। यह सिलसिला आगे नहीं बढ़े, इसी को लेकर विभाग की ओर से उक्त निर्देश दिए गए हैं।
Source: Hindustan
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