मुजफ्फरपुर शहर में धूमधाम से दशहरा मनाया गया। मंदिरों और पूजा पंडालों में महाआरती के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। इस बार शहर में सौ से अधिक मंदिर समेत पूजा पंडालों में भव्य पूजा हुई। बुधवार को ब्रह्मण टोली में पुरानी परंपरा के अनुसार लकड़ीढ़ाई के सहनी परिवार के लोगों ने हाथ ठेला से माता की प्रतिमा को ले जाकर आश्रमघाट में विर्सजित किया।
वहीं, हरिसभा मध्य विद्यालय में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा को शाम चार बजे विसर्जन के लिए निकाला गया। यादव नगर में गुरुवार को प्रतिमा का विसर्जन किया गया। माड़ीपुर, माखन साह चौक, केदारनाथ रोड, अखाड़ाघाट, आदि पूजा पंडालों की प्रतिमा का विसर्जन दशहरा को ही किया गया। इस दिन यहां पर खिचड़ी का महाप्रसाद का आयोजन भी किया गया है। गोला रोड दुर्गा मंदिर की प्रतिमा दशहरा की देर रात विसर्जित की गई।
विशेष हवन के बाद कन्या पूजन :
गोला रोड श्री दुर्गा मंदिर के पुजारी ने बताया कि नवमी के दिन विशेष पूजन किया गया। कन्याओं को 56 भोग के साथ उनका पूजन किया गया। उसके बाद उन्हें चुनरी ओढ़ाई गई। पंकज मार्केट साथी परिषद के अध्यक्ष प्रवीण चौधरी ने बताया कि नवमी के दिन कन्या पूजन के बाद व्रतियों ने हवन यज्ञ में हिस्सा लिया।
बगलामुखी मंदिर के महंत देवराज ने बताया कि दिन में विशेष हवन यज्ञ हुआ वहीं रात्रि में साधकों ने पूर्णाहुति की। राज राजेश्वरी मंदिर में नवमी के रोज महिलाओं ने माता का खोईछा भर कर उनसे आशीर्वाद लिया।
माता की विदाई के पूर्व किया गया सिंदूर खेला :
हरिसभा पूजा कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि यहां की आरती का विशेष महत्व है। दशहरा के दिन माता की विदाई से पहले महिलाएं सिंदूर खेला की, जिसमें माता को सिंदूर लगाकर महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती दिखीं। नगर पंचायत माधोपुर सुस्ता में भी महिलाओं ने पहली बार बंगाली समाज की तरह सिंदूर खेला का आयोजन किया, जिसका नेतृत्व समाजसेवी रेखा रानी ने किया।
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