पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि निकाय चुनाव पर रोक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी गलतियां छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाकर समय बर्बाद न करें। उन्हें इस मुद्दे पर एजी (महाधिवक्ता) और राज्य निर्वाचन आयोग के पत्र सार्वजनिक करने चाहिए।
मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर निकाय चुनाव कराने की नीतीश कुमार की जिद के कारण चुनाव पर रोक लगी और अतिपिछड़ों का दो साल बर्बाद हुआ। उम्मीदवारों के करोड़ों रुपये भी डूब गए। उन्होंने कहा कि क्या सरकार इस नुकसान की भरपायी करेगी?
उन्होंने कहा कि पिछड़ों को ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण देने के बाद ही निकाय चुनाव कराने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के लिए नहीं, बल्कि बिहार सहित पूरे देश के लिए लागू होता है।
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग और महाधिवक्ता ने भी ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण देने के बाद निकाय चुनाव कराने की बात कही थी, लेकिन मुख्यमंत्री के दबाव में दोनों को अपना मंतव्य बदलना पड़ा।
सुशील मोदी ने कहा कि निकाय चुनाव में राजनीतिक आरक्षण देने के लिए सरकार अब बिना समय गंवाये विशेष आयोग बनाये और इस मुद्दे पर सारे पत्राचार सार्वजनिक करे, ताकि सच जनता के सामने आए।
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