नालंदा में भ्र’ष्टाचार इन दिनों चरम सीमा पर है। हर दिन किसी न किसी सरकारी कार्यालय का पैसे लेन देन की शिकायत का वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता रहता है। ताजा मामला कृषि विभाग( माप-तौल) सहायक नियंत्रक एवं निरीक्षक कार्यालय का है। जहां लाइसेंस ऑनलाइन रिन्यूअल एवं डिफॉल्टर होने के नाम पर दलाल के जरिये अवै’ध वसू’ली की जा रही हैं।
वायरल हो रहा वीडियो जुलाई महीने का माप तौल विभाग का है। जहां एक दलाल के जरिए अवै’ध वसू’ली कराई जा रही है। कपेन्द्र नामक व्यक्ति माप तौल विभाग में नालन्दा निरीक्षक के कमरे में बीज दुकानदार को ले जाता है। जहाँ वह पूछता है कि पहले किससे काम करवाते थे। उसके बाद कपेन्द्र बोलता है की समय से कंपाउंडिंग नही करने से 5 हजार लेट फाइन लगता है।
जिसके बाद कंपाउंडिंग खत्म करने के नाम पर 1 हजार का कटने वाले रसीद के नाम पर 3 हजार से 5 हजार तक कि वसूली की जाती है। दलाल के द्वारा डिफॉल्टर खत्म करने के नाम पर बीज दुकानदार से 3 हजार की डिमांड की गई। जिसके बाद 2 हजार लेकर 1 हजार बाद में देने की बात तय हुई । पैसे लेने के बाद कपेन्द्र कहता है कि मैडम का ही पावर है कि कम्पाउंडिंग में न भेजे जो पैसे लिए गए है उसे ऊपर तक देना पड़ता है।
इस मामले में कई दुकानदारों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी की है कि माप तौल विभाग में डिफॉल्टर होने का डर दिखा कर दलाल के जरिए अवैध वसूली की जा रही है। इस संदर्भ में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है जांच के आदेश दिए गए हैं जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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