सीवान जेल में करीब 4 साल से कै’द एक अभियुक्त को ह’त्या के मामले में 10 वर्ष की सजा सुनाए जाने पर सोमवार की रात करीब 9:40 बजे हा’र्ट अ’टैक से उसकी मृ’त्यु हो गई है। इधर कै’दी की मृ’त्यु होने के बाद परिवार वालों ने जेल प्रशासन पर लाप’रवाही का गं’भीर आरो’प लगाया है। परिजनों का कहना है कि उसकी तबीय’त ख’राब होने के काफी देर तक जेल प्रशासन ने उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया।
इसकी वजह से उसकी मृ’त्यु हो गई। वहीं मृ’तक की पहचान जिले के नौतन थाना क्षेत्र के पचलखी गांव निवासी स्व.राम बढ़ई सिंह का 35 वर्षीय पुत्र अजीत सिंह के रूप में हुई है। घ’टना के संबंध में बताते चलें कि अजीत सिंह ने 30 जनवरी 2018 की संध्या शरा’ब के न’शे में अपने सहोदर बड़े भाई सुजीत सिंह के ऊपर चा’कू से जा’नलेवा ह’मला कर दिया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मृ’त्यु हो गई थी।
बता दें कि अजीत सिंह अपनी पत्नी को श’राब के न’शे में मा’रपीट कर रहा था जिसका वि’रोध करने पर बड़े भाई को चा’कू घों’प दी थी।जिसके बाद इस मामले में उपेंद्र सिंह के बयान पर अजीत सिंह के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके बाद नौतन थाने की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना के समय ही अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। करीब 4 साल 7 महीना सीवान जेल में कैद रहने के बाद गुरुवार को सुनवाई करते हुए अपर जिला न्यायाधीश सह विशेष अदालत उत्पाद विजय कृष्ण सिंह की अदालत ने आरोपी अभियुक्त अजीत कुमार सिंह को 10 वर्ष कारावास की सजा तथा 60 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया था।
इधर सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक उत्पाद अनिल कुमार पाठक ने जघन्यतम अपराध हत्या को लेकर कठोर सजा दिए जाने की न्यायालय से अपील की थी। बताया जा रहा है कि सजा सुनाए जाने के बाद से ही उसकी तबीयत खराब चल रही थी। इसके बावजूद भी जेल प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और सही समय से उसका इलाज नहीं करवाया।
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