कोरोना वायरस से बचने के लिए पिछले 28 दिनों से कैद लोग सोमवार से पहली बार राहत की सांस ले सकेंगे, लेकिन कोरोना के रेड जोन वाले इलाके में किसी तरह की कोई छूट नहीं मिलेगी। गृह मंत्रालय की ओर जारी दिशा- निर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट एरिया के बाहर कृषि क्षेत्र में पूरी तरह छूट के साथ-साथ कुछ शर्तों के साथ उद्योग-धंधे चलाने की भी इजाजत मिल गई है। लॉकडाउन के दौरान असली राहत ग्रीन जोन वाले 359 जिलों को मिलेगी, जबकि देश के रेड जोन के 170 जिलों और आरेंज जोन वाले 207 जिलेां को कोई राहत नहीं मिलेगी। साथ ही दिल्ली-एनसीआर के भी किसी क्षेत्र को छूट से राहत नहीं मिलेगी।
ई-कामर्स कंपनियों को अब सिर्फ जरूरी सामान बेचने की इजाजत
पहले ई-कामर्स कंपनियों को भी सामान बेचने की छूट मिल गई थी, लेकिन गृहमंत्रालय ने इसमें संशोधन कर ई-कामर्स कंपनियों के लिए गैर-जरूरी चीजों की ब्रिकी पर रोक को चालू रखने का फैसला किया है। सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि उद्योगों और खेती के लिए मजदूर स्थानीय स्तर पर जुटाने होंगे और मजदूरों के एक-से-दूसरे राज्य में जाने की इजाजत नहीं होगी।
उड़ान, रेलवे, सार्वजनिक परिवहन, टैक्सी, और मेट्रो पूरी तरह बंद रहेंगे
लॉकडाउन से छूट के बावजूद देश में सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय उड़ान, रेलवे, सार्वजनिक परिवहन, टैक्सी, ऑटो, रिक्सा, बस और मेट्रो पूरी तरह बंद रहेंगे। एक राज्य के दूसरे राज्य ही नहीं, एक जिले से दूसरे जिले के बीच आवाजाही भी प्रतिबंधित रहेगी। सिनेमा हॉल, मॉल, शापिंग कंप्लेक्स, जिम, खेल गतिविधियां, स्वीमिंग पुल, थियेटर, बार समेत सभी शैक्षिक संस्थाएं पूरी तरह बंद होगी। इसी तरह किसी भी तरह की धार्मिक और राजनीतिक गतिविधि के लिए एक साथ एकत्रित होने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। मौत की स्थिति में भी केवल 20 लोगों तक को ही एक साथ आने की अनुमति दी जाएगी।
देश में रेड जोन वाले जिले 170 और 207 जिले आरेंज जोन वाले हैं
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि राज्यों को रेड जोन तय करने के लिए मापदंड दिये जा चुके हैं। इसके तहत बड़ी संख्या में कोरोना के मरीजों के साथ-साथ वे इलाके में रेड जोन में शामिल होंगे, जहां मरीजों की संख्या दोगुनी होने में चार दिन से कम समय लग रहा है। देश में ऐसे रेड जोन वाले जिलों की संख्या 170 है। वहीं 207 जिले आरेंज जोन वाले हैं, जहां कोरोना के केस तो हैं, लेकिन सीमित संख्या में हैं।
लॉकडाउन के दौरान असली राहत ग्रीन जोन वाले 359 जिलों को मिलेगी
इसके बाद 359 ऐसे जिले बचते हैं, जो ग्रीन जोन में है और लॉकडाउन के दौरान असली राहत यहां के लोगों को ही मिलेगी। वैसे देश में बड़ी संख्या में जिले कोरोना के कहर से बाहर भी आ रहे हैं। रविवार को ऐसे जिलों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है, जहां पिछले 14 दिन से कोरोना का कोई मरीज नहीं आया है। 28 दिन पूरा करने के बाद वे ग्रीन जोन में आ जाएंगे और उन्हें भी राहत मिलने लगेगी। पुडुचेरी और कर्नाटक के दो जिले पहले ही ग्रीन जोन में आ चुके हैं।
रेड जोन के इलाके में किसी तरह कोई छूट नहीं होगी
लव अग्रवाल ने कहा कि रेड जोन के इलाके में किसी तरह कोई छूट नहीं होगी और वहां जरूरी सेवाओं के अलावा सारी गतिविधियां बंद रहेंगी। इन इलाकों में घर-घर सर्वे तक सर्दी-खांसी-जुकाम वाले सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। इसी तरह उन इलाकों में जहां गिने-चुने कोरोना के मरीज हैं, ऐसे आरेंज जोन में भी यह छूट लागू नहीं होगी, लेकिन स्थानीय प्रशासन चाहे तो वह जरूरी सेवाओं से संबंधित दुकानों को खोलने की इजाजत दे सकता है।
तीन मई तक लॉकडाउन के दौरान डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना होगा
अगले महीने तीन मई तक लॉकडाउन के दौरान खेती के साथ-साथ सीमित आर्थिक गतिविधियों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना होगा और सार्वजनिक स्थानों पर हर व्यक्ति के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। पान-बीड़ी, सिगरेट, गुटका और शराब की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। यदि कोई सार्वजनिक स्थान पर थूकता हुए पाया गया तो उस पर जुर्माना लगेगा। लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लोगों को इन शर्तों का कड़ाई से पालन करना होगा। यदि किसी इलाके में कोई भी नया केस आ गया तो फिर उस इलाके को रेड जोन घोषित कर कंटेनमेंट प्लान लागू कर दिया जाएगा कि सारी गतिविधियों पर रोक लगा दी जाएगी।
ई-कामर्स कंपनियों को सिर्फ जरूरी सामान तक सीमित कर दिया गया
ई-कामर्स कंपनियों को सभी सामान ऑनलाइन बेचने की इजाजत दे गई थी, लेकिन रविवार को इसे सिर्फ जरूरी सामान तक सीमित कर दिया गया। इस संबंध में पूछे जाने पर गृहमंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि गाइडलाइंस की नए सिरे से समीक्षा के दौरान पाया गया कि ई कामर्स के प्लेटफार्म पर बहुत बड़ी संख्या में सामान उपलब्ध हैं और उन्हें बेचने की इजाजत देने से कोरोना के रोकने के लिए लगाए प्रतिबंध कमजोर हो सकते हैं।
Source: Jagran
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