Press "Enter" to skip to content

श्रावणी मेला 2022: सुल्तानगंज से एक दिन में रिकॉर्ड 70 हजार कांवरियों ने गंगा नदी से उठाया जल

बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज स्थित अजगैवीनाथधाम से एक दिन में रिकॉर्ड 70 हजार से ज्यादा कांवरियों ने गंगा नदी से जल उठाया और देवनगरी बाबा वैद्यनाथ धाम की ओर अपने कदम बढ़ाए। सावन के महीने में जारी श्रावणी मेला के दौरान मौसम में ठंडक की वजह से कांवरियों में खुशी की लहर है। शुक्रवार को बादल छाए रहने से कांवरियों को गर्मी का एहसास कम हुआ। शिवभक्त बम भोले के नारे लगाकर कांवरिया पथ पर प्रस्थान करते नजर आए।

श्रावणी मेला 2022: सुल्तानगंज से एक दिन में रिकॉर्ड 70 हजार कांवरियों ने गंगा नदी से उठाया जल

सुल्तानगंज में गुरुवार को रिकॉर्ड 70 हजार 700 कांवरियों ने गंगाघाट पर जल उठाया। इस दौरान बोलबम के जयकारों के आसमान गुंजायमान हो उठा। श्रद्धा और उत्साह से लबरेज कांवरिये कष्ट और परेशानी को दरकिनार कर अनवरत बाबा के जलाभिषेक का संकल्प लेकर बुलंद हौसले के साथ लगातार बढ़ रहे हैं।

श्रावणी मेला में सजे अलग-अलग संस्कृतियों के आकर्षक कांवर 

श्रावणी मेला में बिहार के विभिन्न जिलों और दूसरे राज्यों से पहुंचे कांवरियों के अनोखे रूप देखे जा रहे हैं। कांवर में अलग-अलग संस्कृतियों की झलक मिल रही है। कोई विशाल कांवर लेकर चल रहा है, तो कोई धातु से बने कांवर को उठाकर ले जा रहा है। श्रावणी मेले में बिहार के अलावा दिल्ली, असम, बंगाल, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, झारखंड के कांवरिये ज्यादा हैं।

कोलकाता से आया 28 फीट लंबा एक क्विंटल वजनी कांवर

श्रावणी मेला में सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबा बासुकीनाथ धाम में जलाभिषेक करने कोलकाता से आए 40 कांवरियों ने अपने साथ लाए 28 फीट लंबा विशाल और एक क्विंटल वजनी कांवर में 30 लीटर गंगाजल भरकर शुक्रवार शाम पांच बजे सुल्तानगंज से शाहकुंड के रास्ते बासुकीनाथ धाम रवाना हुए।

कांवरिया संजीव घोष ने बताया कि यह उनकी 20वीं कांवर यात्राब है। ये लोग अजगैवीनाथ धाम से गंगाजल लेकर बासुकीनाथ धाम ही जाते हैं। तीन दिनों में यात्रा पूरी कर हमलोग जलाभिषेक करेंगे।

शुक्रवार को सुबह कोलकाता की मंडली से आए उमेश साह ने बताया कि वे लोग 31 फीट लंबे कांवर को लेकर चले हैं जिसका वजन करीब 60 किलो से अधिक है। वे लोग पूरी टीम कोलकाता से आये हैं लेकिन उनको लेकर सिर्फ तीन लोग ही हैं जो कांवर उठाकर ले जायेंगे। उनमें विनीत साह और तृणा साह शामिल हैं।

वे लोग यह कांवर 20 साल से ले जा रहे हैं हर साल उसे सजाते हैं। अन्य साथी इसके लिये रास्ता बनाते हैं। पटना के मनोरंजन कुमार और उनकी टीम तो भव्य कांवर लेकर जा रहे थे जो आकर्षण के केन्द्र थे। कांवर पर पीतल के लोटा और उसपर पीतल के अन्य बर्तनों से सजावट की गई थी। ऊपर लगे मोर के पंख आकर्षित कर रहे थे।

Share This Article
More from BHAGALPURMore posts in BHAGALPUR »
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from ReligionMore posts in Religion »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *