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श्रीलंका में ब’वाल: 15 जुलाई तक सभी स्कूल बंद, इस्तीफा देने को तैयार प्रधानमंत्री

आर्थिक सं’कट की दौर से गुजर रहे श्रीलंका में स्थिति चरमरा गई है। शनिवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए मध्य कोलंबो के हाई सिक्योरिटी जोन फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमा लिए हैं। देश में बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए श्रीलंकाई सरकार ने 15 जुलाई तक सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।

श्रीलंका में बवाल: 15 जुलाई तक सभी स्कूल बंद, प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हुए रानिल विक्रमसिंघे

अर्थव्यस्था गर्त में जाने की वजह से राज्य की कम से कम चार विश्वविद्यालयों को भी बंद कर दिया गया है। प्रदर्शन के बीच श्रीलंका के पीएमओ की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं से कहा कि वह देश के प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने और सर्वदलीय सरकार के लिए रास्ता बनाने के लिए तैयार है।

शनिवार को हुए प्रदर्शनों और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किए जाने के बाद पार्टी नेताओं की अहम बैठक हुई जिसमें सभी नेताओं ने कथित तौर पर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से पद छोड़ने का अनुरोध किया। वहीं, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा है कि वह पार्टी नेताओं की बैठक में लिए गए किसी भी निर्णय का सम्मान करेंगे।

राजपक्षे पर पहले से ही है इस्तीफा देना का दबाव

राजपक्षे पर मार्च से ही इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। वह अप्रैल में प्रदर्शनकारियों की ओर से उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा करने के बाद से ही राष्ट्रपति आवास को अपने आवास तथा कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। राष्ट्रपति आवास में काम करने वाले लोगों ने बताया कि शनिवार के प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार को ही आवास खाली कर दिया था।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं तथा गोलियां चलायी, लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी बैरिकेटिंग को हटाकर राष्ट्रपति आवास में घुस गए। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास की दीवारों पर चढ़ गए और वे अंदर ही हैं। हालांकि, उन्होंने किसी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया और न ही किसी तरह की हिंसा की है।

दो पुलिस अधिकारी समेत 30 लोग घायल

प्रदर्शनों के दौरान दो पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 30 लोग घायल हो गए और उन्हें कोलंबो में नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। प्रदर्शनकारियों की गाले, कैंडी और मतारा शहरों में रेलवे प्राधिकारियों से भी झड़प हुई और उन्होंने प्राधिकारियों को कोलंबो के लिए ट्रेन चलाने पर विवश कर दिया। इलाके में पुलिस, विशेष कार्य बल और सेना की बड़ी टुकड़ियों को तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक गोटबाया राजपक्षे इस्तीफा नहीं दे देते हैं।

प्रदर्शन से पहले हटाया गया कर्फ्यू

इससे पहले श्रीलंका पुलिस ने शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद शनिवार को सात संभागों से कर्फ्यू हटा लिया। पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं। यह कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था। श्रीलंका के बार एसोसिएशन ने कर्फ्यू का विरोध करते हुए इसे अवैध और मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया था।

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