लॉकडाउन में लोग घरों से बाहर न निकलें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। इसके लिए पटना जिला प्रशासन 10 जगहों पर ड्रोन से लोगों की गतिविधियों पर नजर रखेगा। इसके लिए जगह चयनित कर लिए गए हैं। शुक्रवार से पटना शहर और आसपास के इलाकों में ड्रोन से नजर रखने का काम शुरू होना है। इसकी रूपरेखा बना दी गई है। कोरोना वायरस को लेकर जो अति संवेदनशील इलाके घोषित किए गए हैं, खासकर उन इलाकों में ड्रोन का संचालन होगा।
एडीएम आपदा मृत्युंजय कुमार ने बताया कि ड्रोन से निगरानी के लिए जो स्थल चयनित किए गए हैं, उसमें पटना सिटी, फुलवारीशरीफ, दानापुर, डाकबंगला, गांधी मैदान, बाइपास इलाका, बाढ़, मोकामा, पालीगंज तथा सचिवालय एवं एयरपोर्ट का इलाका शामिल है। वैसे तो 3 मई तक निगरानी करने की योजना है। लेकिन यदि बीच में ही काम समाप्त हो जाएगा तो उसे बंद किया जा सकता है। जिन इलाकों में ड्रोन का संचालन होगा वहां गलियां, सड़कें आसपास की दुकानें हैं। सब्जी मंडी आदि की गतिविधियों को भी देखा जाएगा। ड्रोन संचालकों को प्रशासन द्वारा एक सूची भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिसमें होम क्वारंटाइन वाले क्षेत्र दिए जा रहे हैं। जहां लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गई है। इसके अलावा कोरोना वायरस के जहां मरीज मिले हैं, उन इलाकों की भी सूची दी जा रही है, ताकि उन एरिया की विशेष तौर पर फोटोग्राफी करायी जा सके। पटना सिटी में कोरोना के एक मरीज मिलने के बाद प्रशासन इस एरिया में विशेष तौर पर नजर रख रहा है।
सुल्तानगंज में जहां मरीज मिला है, उस इलाके की गली-गली की वीडियोग्राफी करायी जानी है। फुलवारीशरीफ, दीघा और खेमनीचक में भी गली-गली की वीडियोग्राफी होनी है। सबसे अधिक बेली रोड पर वाहनों का संचालन हो रहा है। इसलिए डाकबंगला से सगुना मोड़ तक की वीडियोग्राफी होगी ताकि पता चल सके कि प्रतिदिन इस रूट पर कितने वाहनों की आवाजाही हो रही है।
पटना जिले से बाहर निकलना मुश्किल
डीएम कुमार रवि ने बताया कि जिले की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। जिन वाहनों को पास निर्गत किया गया है। सिर्फ वही वाहन जिले से बाहर निकल सकते हैं। वहीं पास वाले ही पटना जिले में आ सकते हैं। जिले में आने वाले हर वाहन सवार लोगों को इस शर्त पर आने दिया जा रहा है कि वे होम क्वारंटाइन में रहेंगे।
दो हजार कर्मचारी सर्वेक्षण में
पटना। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों एवं संदिग्धों की पहचान के लिए जिला प्रशासन ने माइक्रोप्लान तैयार किया है। इसके लिए 2000 से अधिक कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इनमें 283 सुपरवाइजर हैं। गुरुवार को डीएम कुमार रवि ने माइक्रोप्लान को लेकर अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्र्रेंंसग की। पटना के शहरी क्षेत्र तथा फुलवारीशरीफ स्लम एरिया को केंद्र्र ंबदु मानते हुए बुखार, सर्दी-खांसी, सांस लेने में तकलीफ आदि के लक्षण को चिह्नित कर उसकी जांच करानी है। विदेश यात्रा से लौटे व्यक्तियों के घरों, सघन आबादी की बस्तियों, बॉर्डर एरिया में पोलियो टीम की भांति सर्वेक्षण होगा। घरों की मार्किंग भी की जाएगी। सर्वेक्षण कार्य आठ दिनों में पूरा करना है। रोज सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक सर्वेक्षण होगा। दोपहर तीन से चार बजे तक ब्र्रींफग एवं रिपोर्टिंग होगी। डीएम ने कहा कि निजी अस्पताल में अगर इनफ्लुएंजा या सांस से संबंधित शिकायत के मरीज आते हैं तो उसकी रिपोर्ट सिविल सर्जन को करनी है।
Source: Hindustan
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