बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और यहां भी दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह कोरोना वायरस का अटैक हुआ है। इस वजह यहां कोरोना अटैक के बीच ही राजनेताओं के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद अब बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी भी नीतीश सरकार पर हमलावर हैं। राबड़ी देवी का कहना है जब एक BJP सांसद की पहल पर सोशल डिस्टेसिंग को धत्ता बताते हुए दक्षिण भारत के हजारों लोगों को 25 बसों में ठसाठस भरकर वाराणसी से महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश भेजा जा सकता है, तो बिहार सरकार ऐसा क्यों नही कर रही।
राबड़ी देवी ने तेजस्वी के ही सवाल को दोहराते हुए पूछा कि क्या इस देश में दो कानून हैं? जब गुजरात की बीजेपी सरकार लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड में फंसे हजारों गुजरातियों को आरामदायक बसों में बैठाकर गुजरात ले जा सकती है। यूपी सरकार अपने नागरिकों के लिए दिल्ली से 200 बसों का प्रबंध कर सकती है, तो बिहार सरकार ने बिहार के बाहर फंसे गरीब बिहारियों को क्यों उनके हालात पर छोड़ दिया है।
निकम्मी और निर्लज्ज है बिहार की डबल इंजन की सरकार
राबड़ी देवी ने बिहार और बिहार के बाहर फंसे मजदूरों को लेकर सवाल किया कि क्या डबल इंजनधारी बिहार सरकार और राज्य NDA के 50 सांसद इतने नकारा, निकम्मे और निर्लज्ज हैं जो भूखे गरीब बिहारवासियों को अपने प्रदेश नहीं बुला सकते? जब दूसरे राज्य अपने लोगों को निकाल ले जा रहे हैं तो बिहार सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही? राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश सरकार को इस सवाल का जवाब तो देना होगा? क्या बिहार ही सब भुगतेगा और झेलेगा?
मालूम हो कि कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक के लिए देशव्यापी बंद के कारण उत्तराखंड में फंसे गुजरात के 1,800 लोगों को 28 बसों में अहमदाबाद वापस लाया गया था। मुख्यमंत्री के सचिव अश्विनी कुमार ने कहा था, ‘गुजरात के विभिन्न जिलों के लगभग 1,800 लोग बंद के कारण उत्तराखंड के हरिद्वार में फंसे हुए थे। केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह और मनसुखभाई मंडाविया और मुख्यमंत्री विजय रूपानी के प्रयासों की बदौलत उन्हें 28 बसों में वापस लाया जा रहा है।’ बिहार में आरजेडी इसी घटना को आधार बनाकर नीतीश की अगुवाई वाली एनडीए सरकार पर हमले कर रही है।
Source: Navbharattimes
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