दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अप्रैल महीने में कोविड-19 के करीब आधे मामले पता ही नहीं चले, क्योंकि अधिकतर लोगों ने घरों पर ही एंटीजन जांच की थी। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘लोकलसर्कल्स’ के सर्वे में यह बात सामने आई है।
लोकलसर्कल्स के सर्वे में दावा किया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले 30 दिन में कोविड के लक्षण वाले 42 प्रतिशत लोगों ने घर पर रैपिड एंटीजन जांच कर ली।
सर्वे के अनुसार, इसमें शामिल प्रत्येक तीन प्रतिभागियों में से केवल एक ने पिछले 30 दिन में आरटी-पीसीआर जांच कराई है, वहीं ज्यादातर ने घर पर ही एंटीजन जांच कर ली और इससे पता चलता है कि बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले संज्ञान में ही नहीं आए।
इस सर्वे में दिल्ली-एनसीआर के सभी जिलों के करीब 16,000 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें 62 प्रतिशत पुरुष और 38 प्रतिशत महिलाएं थीं। इसमें कहा गया है कि दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के निवासी लोकलसर्कल्स पर लिखते आ रहे हैं कि उनके परिवार में अधिकतर लोग, उनके दोस्त घर पर ही एंटीजन जांच को तरजीह दे रहे हैं और अब आरटी-पीसीआर जांच नहीं करा रहे।
लोकलसर्कल्स ने दावा किया कि घरों पर होने वाली इन जांच में संक्रमित पाए जाने वाले लोगों का कोई रिकॉर्ड नहीं होता और सरकारी आंकड़ों में इन्हें नहीं गिना जाता।
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