दिल्ली सरकार सिग्नेचर ब्रिज की 154 मीटर ऊंचाई से शहर का विहंगम दृश्य दिखाने संबंधी अपनी परियोजना को रद्द करने की योजना बना रही है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
मिली जानकारी के मुताबिक, पर्यटन विभाग ने ‘लिफ्ट’ के संचालन के लिए संबंधित एजेंसी से अनुमति मांगी थी ताकि लोगों को सिग्नेचर ब्रिज के दो बड़े खंभों में लिफ्ट से पुल की ऊंचाई तक पहुंचाया जा सके, लेकिन विभाग मंजूरी प्राप्त करने में विफल रहा है।ब्रिज के तोरण में चार लिफ्ट लगाई गई हैं। दो लिफ्ट 60 डिग्री के एंगल पर और दो 80 डिग्री के एंगल पर झुकी हुई हैं। सूत्रों ने कहा कि लोगों को इतनी ऊंचाई पर तिरछी लिफ्टों से ले जाने में बहुत खत’रा है।
बताया जा रहा हैं कि बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद, श्रम विभाग ने हमें इन झुकी हुई लिफ्टों के उपयोग की अनुमति नहीं दी। ऐसा लगता नहीं है कि यह परियोजना कभी शुरू होगी। सरकार जोखिम नहीं लेना चाहते हैं और लोगों को शहर के विहंगम दृश्य के लिए इतनी ऊंचाई तक ले जाने के विचार को छोड़ने की योजना बना रहे हैं।पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने मंजूरी नहीं मिलने का कारण बताते हुए कहा कि सिग्नेचर ब्रिज के तोरण में लगी लिफ्ट झुकी हुई हैं, जबकि देश में केवल लंबवत लिफ्टों को संचालित करने की अनुमति दी गई है। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में बम्बई लिफ्ट्स अधिनियम 1939 के तहत किसी भी इमारत में लिफ्ट की अनुमति है। दिल्ली ने 1942 में इस अधिनियम को अपनाया था।बताया जा रहा हैं कि सभी अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को पूरा करने के बावजूद सिग्नेचर ब्रिज पर तिरछी लिफ्टों को इस अधिनियम के कारण सार्वजनिक उपयोग की अनुमति नहीं मिली। अधिनियम को नहीं बदल सकते हैं और इसमें कोई संशोधन महाराष्ट्र सरकार द्वारा किया जा सकता है, जो एक लंबी प्रक्रिया होगी। जिस कारण यह अनुमान लगाया जा रहा हैं कि पर्यटकों को व्यूइंग गैलरी में ले जाने की परियोजना पूरी नहीं होगी।
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