रूस-यूक्रेन के बीच यु’द्ध शुरू हुए करीब एक महीना होने को है। अब जहां पूरी दुनिया पर परमाणु यु’द्ध का खत’रा मंड’राने लगा है तो वहीं महंगाई की भ’ठ्ठी में आम आदमी त’प रहा है। इस यु’द्ध की वजह से कच्चे तेल के भाव आसमान छूने लगे, जिसका असर सभी प्रकार की वस्तुओं पर दिखने लगा है। पिछले एक महीने में भारतीय बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी उछा’ल आया है। खासकर खाद्य तेलों और जिंसों की कीमतों पर।
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए करीब एक महीना होने को है। अब जहां पूरी दुनिया पर परमाणु युद्ध का खतरा मंडराने लगा है तो वहीं महंगाई की भठ्ठी में आम आदमी तप रहा है। इस युद्ध की वजह से कच्चे तेल के भाव आसमान छूने लगे, जिसका असर सभी प्रकार की वस्तुओं पर दिखने लगा है। पिछले एक महीने में भारतीय बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी उछाल आया है। खासकर खाद्य तेलों और जिंसों की कीमतों पर।विदेशों से आने वाले पाम तेल एक महीने में 13.65 फीसद महंगा होकर 151.80 रुपये पर पहुंच गया है। वहीं, मूंगफली तेल में 5.30 और वनस्पति में 9.68 फीसद की वृद्धि हुई है। इन सबके विपरीत इस अवधि में सरसों के तेल में 0.19 फीसद की मामूली बढ़ोतरी हुई है।आम हो या खास। सबकी मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल आटा, चावल और गेहूं के भाव भी रूस-यूक्रेन यु’द्ध के बाद बढ़ गए हैं। यहां तक कि नमक भी 1.21 फीसद महंगा हो गया है। इस एक महीने में चावल के रेट में जहां औसतन 2.04 फीसद का इजाफा हुआ है, वहीं गेहूं का आटा 2.17 फीसद महंगा हुआ है। दालों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। एलपीजी सिलेंडर से लेकर सब्जी लेने निकले स्कूटर में तेल भरवाने तक में भले ही आपका तेल निकल रहा हो, लेकिन इस बार टमाटर और प्याज ही आपके आंसू पोछ रहे हैं। एक महीने में प्याज जहां 16.07 फीसद सस्ता हुआ है तो वहीं टमाटर 8.22 फीसद। आलू के भाव में केवल 1.30 फीसद की वृद्धि हुई है।
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