कोरोना वायरस का कहर लोगों पर लगातार सितम ढा रहा है। बात सिर्फ बीमारी की वजह से लोगों को हो रही पीड़ा की नहीं है, भारत में यह बीमारी फिलहाल दुनिया के बाकी हिस्सों जितने विकराल रूप में नहीं है लेकिन संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच लोगों को कई तरह की परेशानियों से दो- चार होना पड़ रहा है।
मजदूरों के दूर दूर से पैदल घरों तक बिना किसी खाने पीने की व्यवस्था के लौटने की खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच कई घटनाएं बेहद मार्मिक भी हैं। बिना किसी खास काम के घरों की ओर से लौट रहे लोग तो देर सबेर अपनी गंतव्य तक पहुंच जाएंगे लेकिन कुछ लोग ऐसे थे जिनका घर पर पहुंचना बहुत जरूरी था लेकिन लॉकडाउन उनके रास्ते का रोड़ा बन गया।
One of Murakeem's friends says,"We walked for about 20 kms and also took lift on our way from 2-3 people. When we reached Baikunthpur, a medical shop owner here, helped us". #CoronavirusLockdown (27.03.20) https://t.co/Xqo2Ntj015
— ANI (@ANI) March 28, 2020
कुछ ऐसी ही कहानी है मुरकीम की जिसकी मां की मौत बीती 25 मार्च को बनारस में हो चुकी है लेकिन वह अभी घर पहुंचने की ओर रास्ते में ही है। एएनआई की ओर से मिली जानकारी के अनुसार फोटो में चेक शर्ट में नजर आ रहा मुरकीम नाम का एक अपने दो दोस्तों, विवेक और प्रवीण के साथ रायपुर से यूपी के वाराणसी की ओर पैदल यात्रा कर रहा है, उसकी मां का निधन 25 मार्च को वाराणसी में हुआ था। वे 3 दिन में रायपुर से अभी कोरिया जिले के बैकुंठपुर पहुंचे हैं।
मुरकीम के एक दोस्त ने इस बारे में बात करते हुए कहा, ‘हम लगभग 20 किलोमीटर तक चले और 2-3 लोगों से हमने रास्ते में लिफ्ट भी ली। जब हम यहां बैकुंठपुर पहुंचे तो मेडिकल शॉप के एक मालिक ने हमारी मदद की।’
Be First to Comment