मुजफ्फरपुर। अखाड़ाघाट के पास बूढ़ी गंडक नदी मंगलवार को लबालब हो गयी। नदी की पेटी में बनी झोपड़ियों के पास नदी का पानी आ गया है।
पिछले चार दिनों से नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। इस कारण नदी का पानी अब लबालब हो गया है। अखाड़ाघाट स्थित झीलनगर के लोगों पर बाढ़ आने का खतरा मंडराने लगा है।
पिछले तीन दिनों से नदी में जिस तरह से पानी बढ़ रहा है, आसपास वाले लोगों को अब बाढ़ के आने का भय सताने लगा है।
नदी में पानी गिरने के लिए बने स्लुईस गेट के करीब पानी पहुंच गया है। हालांकि स्लुई गेट को दो माह पहले ही बंद कर दिया गया था।
वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज में गुरुवार को 1 लाख 17 हजार 100 क्यूसेक, शनिवार को 1 लाख 42 हजार क्यूसेक, रविवार को 1 लाख 70 हजार 500 क्यूसेक एवं सोमवार को 1 लाख 56 हजार क्यूसेक, मंगलवार को 1 लाख 38 हजार 500 क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया है। पिछले छह दिनों से गंडक नदी में पानी कम छोड़ा जा रहा है।
लेकिेन, उत्तर बिहार में लगातार रूक-रूक हो रही बारिश का पानी नदी में आ रहा है। इस कारण जलस्तर में तेजी बनी हुई है। पूर्वी चम्पारण के चौतरवा मन से बूढ़ी गंडक नदी निलती है। चम्पारण में इसे सिकरहना नदी के नाम से जाना जाता है। जिस कदर नदी के जलस्तर बढ़ रहा है। उससे आसपास इलाकों में पानी भर जाने का खतरा मंडराने लगा है।
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