शिक्षकों की हड़ताल के पांचवें दिन पटना जिले के 14 शिक्षकों पर गाज गिरी है. बाढ़ प्रखंड के 14 शिक्षकों को बर्खास्तगी का नोटिस देने और उन पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं.
पटना डीईओ ज्योति कुमार ने बाढ़ बीईओ से कार्रवाई करने को कहा है. इन शिक्षकों पर भी मैट्रिक परीक्षा में लापरवाही बरतने और बाधा पहुंचाने का आरोप है. प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई के सचिव होते हैं. इसीलिए डीईओ ने उनसे 14 नियोजित शिक्षकों को बर्खास्त करने की अनुशंसा की है. इससे पहले 17 फरवरी को दो शिक्षकों को बर्खास्त, चार शिक्षकों को बर्खास्तगी के नोटिस के बाद प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है. शिक्षकों को बर्खास्तगी का नोटिस देने के विरोध में शुक्रवार को महाशिवरात्रि होने के बावजूद तमाम शिक्षक डीईओ कार्यालय में धरने पर बैठे रहे. धरने का आयोजन बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किया गया था.
धरनास्थल पर हवन और पढ़ी जुमे की नमाज
तमाम शिक्षकों ने धरनास्थल पर ही महाशिवरात्रि की पूजा- अर्चना की और हवन किया. इसके अलावा जुमे की नमाज भी धरनास्थल पर ही शिक्षकों ने पढ़ी. धरने पर मौजूद शिक्षक नेता मनोज कुमार और मुस्तफा ने बताया कि हर दिन कार्यालय में ताला लगाया जायेगा, जब तक कि हमारी मांगें नहीं मान ली जाती हैं. उन्होंने कहा कि हर दिन शिक्षकों को बर्खास्त किया जा रहा है. हमारे आंदोलन को दबाने के लिए यह किया जा रहा है, पर शिक्षक डरने वाले नहीं हैं.
मैट्रिक परीक्षा में नहीं डाल रहे बाधा
धरने पर बैठे शिक्षकों ने एकजुट होकर कहा कि हमारी हड़ताल शांतिपूर्ण है. मैट्रिक परीक्षा में कोई बाधा नहीं डाल रहे हैं. इसके बावजूद झूठा आरोप लगाकर शिक्षकों को बर्खास्त किया जा रहा है. शिक्षक धनंजय कुमार ने बताया कि मैट्रिक परीक्षा में हम कोई बाधा नहीं डाल रहे हैं, इसके बावजूद शिक्षकों पर कार्रवाई हो रही है. समिति के राज्य संयोजक ब्रजनंदन शर्मा ने बताया कि डीईओ कार्यालय में धरने पर शिक्षक बैठे हैं. लेकिन मैट्रिक परीक्षा से संबंधित कार्यों में कोई रुकावट नहीं डाल रहे हैं.
(इस खबर को मुजफ्फरपुर न्यूज़ टीम ने संपादित नहीं किया है. यह HINDUSTANफीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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