बिहार में फर्जी वीजा बना’ने का बड़ा नेटव’र्क चल रहा है। इनका जाल यूपी और झार’खंड तक फैला है। फर्जी एजेंट रोजगार की चाह में विदेशों का रुख करने वालों से मोटी रकम वसू’लकर उन्हें फर्जी वीजा थमा रहे हैं। बीते कुछ दिनों में विदेश मंत्रालय के इमीग्रे’शन कार्यालय को ऐसे कई फर्जी वीजा मिले हैं। यह वीजा रूस, ओमान, साउथ अफ्रीका, केन्या, आर्मेनि’या और यूएई यानि संयुक्त अरब अमी’रात के हैं। यह खुलासा तब हुआ जब कुछ लोगों ने पटना के नियो’जन भवन स्थित इमीग्रेशन दफ्तर से अपने वीजा के असली होने की जा’नकारी चाही।
बिहार से बड़ी संख्’या में लोग विभिन्न देशों में रोजगार के लिए गए हैं। सै’कड़ों लोग अभी जाने की तैयारी में हैं। बिहार में विदेश भे’जने का धंधा करने वाले फर्जी एजेंटों ने पूरा जाल बिछा रखा है। पहले टूरिस्ट वीजा पर नौकरी के लिए भेज’ने की बात सामने आई थी। मगर अब फर्जी वीजा बनाने के बड़े खेल का भी खुला’सा हुआ है। दरअसल दुनिया के सभी देशों में नौक’री के लिए जाने वालों के लिए वीजा जरूरी है। इसमें संबंधित व्यक्ति के बारे में जान’कारी के साथ ही उसका विदेश जाने का प्रयो’जन और वहां प्रवास की अवधि अं’कित होती है।
तीन दर्जन फर्जी वीजा मिले
लॉक’डाउन अवधि में फर्जी वीजा का खेल और बढ़ गया है। बिहार-झारखंड के प्रोटे’क्टर ऑफ इमीग्रेंट्स कार्यालय की मानें तो बीते दो-तीन मही’ने में करीब तीन दर्जन फर्जी वीजा के मामले सा’मने आए हैं। इनमें रूस, ओमान, यूएई, साउथ अफ्रीका, केन्या, आर्मीनिया के वीजा शामिल हैं। विदे’श जाने वालों या उनके परिचितों ने इस का’र्यालय से वीजा की वैधता के संबंध में जान’कारी चाही गई थी। यूएई के दो फर्जी वीजा झा’रखंड के पुरु’लिया के एजेंट द्वारा बनवाए जाने की जान’कारी मिली। इस संबंध में झारखंड अतिरिक्त गृह सचिव को कार्र’वाई के लिए लिखा गया है। वहीं यूएई के कई फर्जी वीजा पटना के एजेंटों ने भी बनाए हैं। इसके खिलाफ भी एसएसपी पट’ना को शिकायत भेजी गई है। जिनके फर्जी वीजा बनाए गए हैं, उनमें यूपी के गोरख’पुर और वाराणसी के भी लोग हैं।
तीन वीजा फ’र्जी मिले तो बाकी नहीं आए
सूत्रों की मानें तो यूएई के एक-एक करके तीन वीजा जब जांच में फ’र्जी पाए गए तो बाकी लोग जांच के लिए आए ही नहीं। दर’असल 20 लोगों के दल ने ओमान जाने का वीजा बनवाया था। यह वीजा एक साथ और एक ही एजेंट से बनवा’ए गए थे।
डॉट कॉम वाली साइटें फर्जी
वैध वीजा संबंधित एंबेसी द्वारा जारी किया जाता है। यूएस और यूरोप जाने के लिए बायोमै’ट्रिक होती है और आवेद’क को खुद वहां जाना होता है। वैध रिक्रूटमेंट एजेंट और टूर ऑप’रेटर इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं। जहां तक ऑनला’इन वीजा की जांच करने की बात है तो फर्जी एजेंटों ने फर्जी सा’इटें भी तैयार कर रखी हैं। लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि वीजा जांच वाली आधि’कारिक विदेशी साइटों के अंत में डॉट कॉम नहीं होता है।
जाना पड़ सकता है जेल
अधि’कांश फर्जी वीजा एयरपोर्ट पर ही पकड़ में आ जाते हैं। एकाध मामले में यदि संबंधित देश पहुंच भी गए तो वहां पकड़े जाते हैं। उन्हें बैरंग लौट’ना ही नहीं पड़ता, कई बार जेल भी जाना पड़ता है।
फर्जी वीजा के कई माम’ले सामने आए हैं, जो बेहद गंभीर है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवा’ई की जा रही है। लोग विदेश यात्रा से पहले जांच जरूर करें और फर्जी’वाड़ा करने वालों की शिका’यत भी करें। शिकाय’तकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी। – ताविशी बहल पांडे, प्रोटे’क्टर ऑफ इमीग्रेंट्स, बिहार-झार’खंड
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