मुजफ्फरपुर : माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि तीन फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। इसी दिन श्रद्धालु मां सरस्वती की पूजा करेंगे। सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 3 फरवरी की सुबह 6.32 बजे से शाम 5.40 मिनट तक है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस वर्ष सूर्य और बुध एक ही राशि मकर में रहेंगे। इसके साथ ही रेवती नक्षत्र के शुभ योग में 3 फरवरी सोमवार को पंचमी तिथि को अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन मां सरस्वती की आराधना से बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस दिन मां सरस्वती के साथ-साथ भगवान गणेश, लक्ष्मी, कॉपी-कलम और संगीत यंत्रों की पूजा फलदायी माना जाता है। देवी सरस्वती के सत्व गुण संपन्न एवं विद्या की अधिष्ठात्री हैं। इस तिथि से अक्षरारंभ, विद्यारंभ को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। पूजा के बाद श्रद्धालु एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं।
मां को पसंद है पीले रंग का प्रसाद
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक मां सरस्वती को पीले रंग का फल चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में मौसमी फलों के अलावा बूंदिया अर्पित करना चाहिए। इस दिन माता को मालपुआ और खीर का भोग भी लगाया जाता है।
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