Press "Enter" to skip to content

बिहार की राजनीति में हलचल! बीजेपी, जेडीयू, लोजपा-आर, हम और रालोमो में सीट बंटवारे पर बढ़ी चर्चा

बिहार की राजनीति में खरमास खत्म होते ही बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की महक बढ़ने लगी है। लगभग नौ महीने बाद निर्धारित विधानसभा चुनाव को लेकर अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल सीट बंटवारे पर खुलकर बात करने लगे हैं। पशुपति कुमार पारस का दल राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए से बाहर हो गया है। अब बिहार एनडीए में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (लोजपा-आर), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) शामिल है। 243 सीट का बंटवारा इन पांच दलों के भीतर होना है अगर चुनाव तक कोई और नेता अपनी पार्टी के साथ इस तरफ ना आ जाए।खुलकर बोलने के लिए चर्चित हम नेता और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने 20 सीटों की मांग कर दी है और साथ ही ये भी कहा कि उनके कार्यकर्ता तो तैयारी 40 सीट पर कर रहे हैं। जब मीडिया ने पूछा कि नहीं मिली 20 सीट तो क्या करेंगे, तो मांझी बोले कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार जो प्यार और प्रतिष्ठा देते हैं, वो कहां मिलेगा। ये हमारे परिवार की बात है। मांझी के इशारों को समझें तो सीटों को लेकर तगड़ा घमासान होने वाला है लेकिन एनडीए में रहकर। मांझी ने गांधी मैदान में 2 लाख लोगों को जुटाने का भी ऐलान किया है।एनडीए दलों के सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारे पर अभी कोई औपचारिक बातचीत नहीं हो रही है लेकिन बड़े नेताओं की मेल-मुलाकात में कौन कितनी सीटें लड़ सकता है, इसके संभावित स्वरूप पर विमर्श लगातार चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में बेहतर स्ट्राइक रेट (लड़ी सीटों पर जीत का प्रतिशत) और नीतीश के चेहरे के दम पर जेडीयू बड़ा भाई का दर्जा वापस लेना चाहती है। लोकसभा चुनाव में जेडीयू 16 जबकि बीजेपी 17 सीट लड़ी थी। 5 सीट लोजपा और 1-1 सीट हम और रालोमो को मिली थी।सूत्रों का कहना है कि इस समय जो बातचीत चल रही है, उसके हिसाब से कम से कम 100 सीट दोनों बड़े दल यानी भाजपा और जदयू लड़ेंगे ही लड़ेंगे। जेडीयू की कोशिश है कि उसे भाजपा से 2-3 सीट ज्यादा मिले, जिससे बिहार एनडीए में बड़े भाई के दर्जे को लेकर कन्फ्यूजन ना हो। इन चर्चाओं में जेडीयू 102 से 103 सीट, भाजपा 100 से 101 सीट, लोजपा-आर 25 से 26 सीट, जीतनराम मांझी की हम 7 से 8 सीट और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम 7 से 8 सीट लड़े, इस तरह का सीन बन रहा है।बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू 115 और बीजेपी 110 सीट लड़ी थी। तब मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) एनडीए में थी और उसे 11 और मांझी की पार्टी हम को 7 सीटें मिली थी। चिराग पासवान की लोजपा तब टूटी नहीं थी और 134 सीटों पर अकेले लड़ गई थी, जिस वजह से नीतीश की जेडीयू का बहुत नुकसान हुआ और वो 43 सीट ही जीत पाई थी। बीजेपी 110 सीट लड़कर ही 74 विधायक लेकर आई। मांझी और सहनी के 4-4 विधायक जीते थे। बाद में मुकेश सहनी के तेवर बदले तो उनकी पार्टी के सारे विधायक भाजपा में शामिल हो गए।

Share This Article
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from NewsMore posts in News »
More from PATNAMore posts in PATNA »
More from PoliticsMore posts in Politics »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *