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बिहार में एचएमपीवी वायरस को लेकर बचाव और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलर्ट जारी

कोरोना के 5 साल बाद फिर चीन में फिर एक नई बीमारी ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) सामने आई है। भारत में 6 जनवरी को HMPV वायरस के 6 केस सामने आए हैं। भारत में इस वायरस का केस मिलने के बाद बिहार सरकार अलर्ट हो गई है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। इसे लेकर तैयारी करने को कहा गया है कि यदि HMPV केस बिहार में बढ़ता है तब अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर की व्यवस्था पहले से करनी होगी। अस्पतालों में आरटी-पीसीआर जांच की व्यवस्था भी करने को कहा गया है। वही बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी अपने विभाग के अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिये।स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। इससे सतर्कता बरतने और इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। एचएमपीवी एक सामान्य श्वसन संक्रमण है, जिसके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं। वर्ष 2024 में मलेशिया में एचएमपीवी के 327 मामले सामने आए थे, जबकि भारत में दिसंबर 2024 में गंभीर श्वसन संक्रमण (सारी) के 714 मामलों में से 9 मामलों की पुष्टि एचएमपीवी संक्रमण के रूप में हुई। एचएमपीवी से बचाव के लिए कोविड-19 जैसे प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है, जिसमें नियमित रूप से हाथ धोना, खांसते-छींकते समय मुंह ढकना, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना और उनकी उपयोग की वस्तुओं को साफ रखना शामिल है। मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे इन्फ्लूएंजा जैसे रोग (आईएलआई) और गंभीर श्वसन संक्रमण  की नियमित निगरानी करें और इसे प्रतिदिन स्वास्थ्य पोर्टल पर रिपोर्ट करें। साथ ही, अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर को सक्रिय करने, स्वास्थ्यकर्मियों को एचएमपीवी से बचाव और प्रबंधन पर प्रशिक्षित करने और संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए है। इससे उत्पन्न संभावित ख़तरे को कम करने के लिए कोविड-19 से संबंधित दवाओं, किट, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। IMG-20241030-WA0000-1024x682-2-1.jpg (1024×682)मंगल पांडेय ने कहा कि श्वसन संबंधी लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। विशेष रूप से छोटे बच्चों, 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति सावधानी बरतें। एचएमपीवी संक्रमण के लिए कोई विशेष टीका या दवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए लक्षण-आधारित उपचार जैसे पर्याप्त पानी पीना, आराम करना और गंभीर मामलों में ऑक्सीजन सहायता देना आवश्यक है। राज्य सरकार संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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