विवाह पंचमी 2024: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर शुक्रवार को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। हिन्दू धर्म और सनातन मान्यताओं के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की शादी हुई थी। यह किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए बहुत ही उत्तम मुहूर्त है। इस दिन अधिकतर लोग शुभ कार्य करते हैं। मंदिरों में भगवान राम और सीता के विवाह के लिए एक सप्ताह से विवाहोत्सव शुरू हो जाते हैं, जिसमें हल्दी, मेहंदी की रस्में होने के बाद भगवान राम की बारात निकाली जाती है और भगवान राम और सीता का विवाह संपन्न किया जाता है।
श्रीराम और मां जानकी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन माता सीता और भगवान राम को कमल का फूल और आम के पत्ते अर्पित करने चाहिए। कहा जाता है कि वनवास के दौरान माता सीता भगवान राम को आम के पत्ते और कमल का फूल अर्पित करती थीं। इसके अलावा भगवान राम की पूजा के समय उन्हें खीर का भोग लगाना चाहिए। इस दिन पति-पत्नी को मिलकर भगवान राम और माता सीता की पूजा करनी चाहिए, महिलाएं खासतौर पर इसदिन माता सीता को 16 शृंगार की वस्तुएं अर्पित कर सुख-सौभाग्य की मंगलकामना करती हैं। इसके अलावा इस दिन बालकांड का पाठ खास तौर पर किया जाता है।
पंचांग के अनुसार, इस बार पंचमी तिथि 5 दिसंबर, दोपहर 12.47 बजे शुरू होगी और अगले दिन शुक्रवार दोपहर 12.05 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। ऐसे में शुक्रवार को विवाह पंचमी मनाई जाएगी।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5.10 बजे से 6.04 बजे तक
- अमृत काल- सुबह 6.36 बजे 8.10 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 01.54 बजे से 2.36 बजे
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 05.19 बजे से 5.47 बजे तक
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