धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, गणेशजी, धन्वंतरि देव और कुबेर देवता की पूजा-अर्चना के साथ खरीदारी का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस है। सनातन धर्म में सदियों से धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी, धनिया,कौड़ी,गोमती चक्र ,पीतल और तांबे के पात्र,नमक, नए कपड़े, खील-बताशे और झाड़ू समेत कुछ वस्तुओं को खरीदना बेहद शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन इन चीजों की खरीदारी से धन-दौलत में 13 गुना वृद्धि के योग बनते हैं। धनतेरस से 5 दिवसीय पर्व दिपोत्सव की शुरुआत होती है। इस दिन दिवाली के दिन पूजा के लिए लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा भी खरीदना बेहद शुभ फलदायी माना जाता है।
गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा खरीदते समय इस बात पर ध्यान दें कि मां लक्ष्मी कमल पर विराजमान हों। मां लक्ष्मी की उल्लू की सवारी पर बैठी हुई मूर्ति को खरीदने से बचना चाहिए। इसेक अलावा मां लक्ष्मी खड़ी हुई मुद्रा में न हो। वहीं, मूर्ति खरीदते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड बाएं तरफ होनी चाहिए। पूजा के लिए गणेश जी मूर्ति बैठी हुई मुद्रा में होनी चाहिए। गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति कहीं से भी टूटी और खंडित नहीं होनी चाहिए।
दिवाली पूजा के लिए गणेश-लक्ष्मी की जुड़ी हुई मूर्ति नहीं खरीदना चाहिए। मां लक्ष्मी और गणेश भगवान की मूर्तियां अलग-अलग होनी चाहिए। मां लक्ष्मी की मूर्ति ऐसी हो, जिस पर वह कमल पर विराजमान हों। उनके एक हाथ में कमल हो। दूसरे हाथ से आशीर्वाद दे रही हों। देवी लक्ष्मी की मूर्ति का रंग लाल या गुलाबी हो। उनके पास धन की मटकी भी हो सकती है। दिवाली पूजन के लिए गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें कि उनके हाथ में मोदक हो। उनका वाहन मूषक साथ हो और सूंड बाईं तरफ हो। लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए मिट्टी से निर्मित गणेशल-लक्ष्मी की प्रतिमा बेहद शुभ मानी जाती है। सीमेंट या पीओपी से बनी मूर्तियां को घर में लाने से बचना चाहिए।
Be First to Comment